scriptगोविंद गुरु के नाम से गोधरा और बांसवाड़ा में बन गया नया रिश्ता, छलका अपनेपन का भाव | Like Banswara, Godhra also has Govind Guru University | Patrika News

गोविंद गुरु के नाम से गोधरा और बांसवाड़ा में बन गया नया रिश्ता, छलका अपनेपन का भाव

locationबांसवाड़ाPublished: Oct 23, 2019 04:55:10 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Govind Guru Tribal University : बांसवाड़ा की तरह गोधरा में भी है गोविंद गुरु विश्वविद्यालय

गोविंद गुरु के नाम से गोधरा और बांसवाड़ा में बन गया नया रिश्ता, छलका अपनेपन का भाव

गोविंद गुरु के नाम से गोधरा और बांसवाड़ा में बन गया नया रिश्ता, छलका अपनेपन का भाव

हेमंत पंड्या/बांसवाड़ा. आपस में लगाव, अपनेपन और निकटता का भाव जब भी होता है तो उसके पीछे खास वजह होती है और जब भी किसी अजनबी से अपने लोगोंं और इलाके की बातें जुड़ती हैं तो दोनों का नाता और गहरा हो जाता है, रिश्ते का नया अध्याय जुड़ जाता है। ऐसा ही कुछ रिश्ता समाजसुधारक गोविंद गुरु के कारण गोधरा और बांसवाड़ा का हो गया है। दोनों इलाके के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और अपनेपन के भाव से सराबोर हो गए हैं। यह रिश्ता गहरा और सुर्खियों में तब आया जब बांसवाड़ा में आयोजित पश्चिम क्षेत्र अंतर महाविद्यालय महिला वॉलीबॉल प्रतियोगिता के लिए गोधरा के गोविंद गुरु विश्वविद्यालय की टीम खेलने के लिए पहुंची। टीम की छात्राएं यहां भी गोविंद गुरु विवि पाकर एकबारगी हैरत में पड़ी और यहां के लोग भी गोधरा के गोविंद गुरु विवि के बारे में सुनकर गद्गद् हो गए। बस फिर क्या था दोनों के बीच तुरत फुरत ही गहरा नाता बन गया और अपनेपन के भाव से दोनों तरफ के लोग खुशी से भर गए। हालांकि जीजीटीयू की तरह उनकी टीम भी उम्दा प्रदर्शन नहीं कर पाई और पहले ही दौर में हार कर प्रतियोगिता से बाहर होने के साथ गोधरा लौट गई। बांसवाड़ा और गोधरा की दूरी यों तो 149.7 किलोमीटर है लेकिन गोविंद गुरु के नाम ने दोनों को पास ला दिया।
गोधरा में 2015 में बना गोविंद गुरु विवि : – गोविंद गुरु विश्वविद्यालय गोधरा की छात्राओं को जैसे ही पता चला कि गोविंद गुरु ने गुजरात के ही नहीं, बांसवाड़ा और डूंंगरपुर में भी खूब काम किया है तो वे भी गर्व महसूस करने लगी। तब उनके मन में गोविंद गुरु और बांसवाड़ा के प्रति लगाव और आदरभाव और बढ़ गया। इन छात्राओं ने बताया कि गोविंद गुरु ने गुजरात में भी जनजागरण का बहुत काम किया है और इसी कारण गुजरात की सरकार ने 2015 में गोधरा में उनके नाम से विवि की स्थापना की। वहां अभी भवन निर्माण चल रहा है, और विश्वविद्यालय का संचालन अन्य सरकारी भवन में हो रहा है। गोविंद गुरु की पहचान एक समाज सुधारक के रूप में है। डूंगरपुर के बांसिया गांव में जन्मे गोविंद गुरु कीे कर्म स्थली बांसवाड़ा का आनंदपुरी रहा है लेकिन जीवन के अंतिम पड़ाव में वे गुजरात की लिमड़ी, लीमखेडा़ और गोधरा से जुड़े रहे है। दाहोद, झालोद, और संतरामपुरा का क्षेत्र भी उनकी कार्यस्थली रहा है।
इनका कहना है…. सहायक कुलसचिव पुष्पेंद्र पण्ड्या ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि हमारे वागड़ में जन्मे महापुरुष के नाम से दो विश्वविद्यालयों का संचालन हो रहा है। हमारा जिला भी गुजरात का पड़ोसी है तो गोधरा भी हमारे लिए निकट है। दोनों ही क्षेत्रों में अधिकांश जनजाति रहती हैं और शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों का संचालन गोविंद गुरु के शैक्षिक जनजागरण को ही आगे बढ़ा रहा है।

ट्रेंडिंग वीडियो