गोधरा में 2015 में बना गोविंद गुरु विवि : – गोविंद गुरु विश्वविद्यालय गोधरा की छात्राओं को जैसे ही पता चला कि गोविंद गुरु ने गुजरात के ही नहीं, बांसवाड़ा और डूंंगरपुर में भी खूब काम किया है तो वे भी गर्व महसूस करने लगी। तब उनके मन में गोविंद गुरु और बांसवाड़ा के प्रति लगाव और आदरभाव और बढ़ गया। इन छात्राओं ने बताया कि गोविंद गुरु ने गुजरात में भी जनजागरण का बहुत काम किया है और इसी कारण गुजरात की सरकार ने 2015 में गोधरा में उनके नाम से विवि की स्थापना की। वहां अभी भवन निर्माण चल रहा है, और विश्वविद्यालय का संचालन अन्य सरकारी भवन में हो रहा है। गोविंद गुरु की पहचान एक समाज सुधारक के रूप में है। डूंगरपुर के बांसिया गांव में जन्मे गोविंद गुरु कीे कर्म स्थली बांसवाड़ा का आनंदपुरी रहा है लेकिन जीवन के अंतिम पड़ाव में वे गुजरात की लिमड़ी, लीमखेडा़ और गोधरा से जुड़े रहे है। दाहोद, झालोद, और संतरामपुरा का क्षेत्र भी उनकी कार्यस्थली रहा है।
इनका कहना है…. सहायक कुलसचिव पुष्पेंद्र पण्ड्या ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि हमारे वागड़ में जन्मे महापुरुष के नाम से दो विश्वविद्यालयों का संचालन हो रहा है। हमारा जिला भी गुजरात का पड़ोसी है तो गोधरा भी हमारे लिए निकट है। दोनों ही क्षेत्रों में अधिकांश जनजाति रहती हैं और शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों का संचालन गोविंद गुरु के शैक्षिक जनजागरण को ही आगे बढ़ा रहा है।