बांसवाड़ा. नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत रविवार को आयोजित मूल्यांकन का मखौल उड़ता दिखा। असाक्षरों की जगह मूल्यांकन के लिए दी गई पुस्तिकाओं में स्कूली विद्यार्थी और साक्षरों के अतिरिक्त कुछ स्थानों पर वीक्षक स्वयं उत्तर लिखते नजर आए। इससे पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा हो गया है। नवभारत साक्षरता अभियान के अन्तर्गत रविववार को जिले में 15 वर्ष और इससे अधिक आयु के निरक्षरों का मूल्यांकन होना था। साक्षरता निदेशालय ने बांसवाड़ा को पूर्व में 26 हजार निरक्षरों को चिन्हित करने का लक्ष्य दिया था। शनिवार तक 28 हजार 400 से अधिक निरक्षरों को चिन्हित कर पोर्ट्ल पर प्रविष्ठियां अपलोड की गई थी।रविवार को साक्षरता मूल्यांकन कार्य की पत्रिका टीम ने टोह ली तो कई जगह घालमेल सामने आया। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, चिड़ियावासा में स्कूली छात्र, वीक्षक स्वयं पर्चा हल करते दिखे। यहां कक्षा 6 व 7 के छात्र-छात्राओं से बारी-बारी से पर्चा हल करवाया जा रहा था। कुछ पर्चे स्वयं शिक्षकों ने हल कर कॉपी करने के लिए निरक्षरों को सौंप रखे थे। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चंदूजी का गढ़ा में भी बच्चे व ड्यूटी पर तैनात कार्मिक ही पर्चे में लिखते नजर आए। समीपवर्ती मुंगाणा में भी ऐसी ही तस्वीर नजर आई।
बांसवाड़ा. नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत रविवार को आयोजित मूल्यांकन का मखौल उड़ता दिखा। असाक्षरों की जगह मूल्यांकन के लिए दी गई पुस्तिकाओं में स्कूली विद्यार्थी और साक्षरों के अतिरिक्त कुछ स्थानों पर वीक्षक स्वयं उत्तर लिखते नजर आए। इससे पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा हो गया है। नवभारत साक्षरता अभियान के अन्तर्गत रविववार को जिले में 15 वर्ष और इससे अधिक आयु के निरक्षरों का मूल्यांकन होना था। साक्षरता निदेशालय ने बांसवाड़ा को पूर्व में 26 हजार निरक्षरों को चिन्हित करने का लक्ष्य दिया था। शनिवार तक 28 हजार 400 से अधिक निरक्षरों को चिन्हित कर पोर्ट्ल पर प्रविष्ठियां अपलोड की गई थी।रविवार को साक्षरता मूल्यांकन कार्य की पत्रिका टीम ने टोह ली तो कई जगह घालमेल सामने आया। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, चिड़ियावासा में स्कूली छात्र, वीक्षक स्वयं पर्चा हल करते दिखे। यहां कक्षा 6 व 7 के छात्र-छात्राओं से बारी-बारी से पर्चा हल करवाया जा रहा था। कुछ पर्चे स्वयं शिक्षकों ने हल कर कॉपी करने के लिए निरक्षरों को सौंप रखे थे। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चंदूजी का गढ़ा में भी बच्चे व ड्यूटी पर तैनात कार्मिक ही पर्चे में लिखते नजर आए। समीपवर्ती मुंगाणा में भी ऐसी ही तस्वीर नजर आई।