scriptपहले होती रही सिर्फ औपचारिकता, अब स्कूलों में नियमित हैंड वॉशिंग डे मनाने की पैरवी | Lobbying to celebrate regular hand washing day in schools | Patrika News
बांसवाड़ा

पहले होती रही सिर्फ औपचारिकता, अब स्कूलों में नियमित हैंड वॉशिंग डे मनाने की पैरवी

Hand Washing Day In Schools, Coronavirus Impact : बांसवाड़ा. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नियमित अंतराल पर हाथ धोने के लिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है। वैसे राजकीय विद्यालयों में प्रतिवर्ष 15 अक्टूबर को हैंड वॉशिंग डे मनाया जाता है, लेकिन अब तक औपचारिक रूप से मनाए जा रहे इस दिवस की गंभीरता कोरोना संक्र्रमण के बाद समझ में आने लगी है। इसे लेकर शिक्षाविदें ने विद्यालयों में नियमित हैंड वॉशिंग डे मनाने की पैरवी की है।

बांसवाड़ाMar 31, 2020 / 06:29 pm

Varun Bhatt

पहले होती रही सिर्फ औपचारिकता, अब स्कूलों में नियमित हैंड वॉशिंग डे मनाने की पैरवी

पहले होती रही सिर्फ औपचारिकता, अब स्कूलों में नियमित हैंड वॉशिंग डे मनाने की पैरवी

कोरोना से बचाव के लिए हाथों को नियमित धोने की स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय के बाद विद्यालयों में हैंड वॉशिंग डे को लेकर की चर्चा में सामने आया कि इसे विद्यालयों में नियमित किया जाएगा तो दूरगामी परिणाम सामने आएंगे और बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।
उपयोगी एवं सकारात्मक कदम : – पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि हैंड वॉशिंग डे वर्ष में एक बार प्रतीकात्मक रूप से मनाया जाता है। विद्यार्थियों को प्रतिदिन हाथ धुलवाए जाएं तो अत्यंत उपयोगी एवं सकारात्मक कदम होगा। स्वस्थ भारत-समृद्ध भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप देने में हम सक्षम हो सकेंगे।विद्यार्थियों को अनेक जीवाणु-विषाणु जनित रोगों से बचाया जा सकता है। यह विद्यार्थियों की स्थाई आदत बन जाएगी। इनसे परिवार एवं समाज को भी प्रेरणा मिलेगी। स्वच्छता का संदेश विद्यार्थियों के माध्यम से देश की जनता तक पहुंचाने का सार्थक प्रयास सिद्ध होगा। विद्यालयों में मध्याह्न भोजन हाथ धुलाने को कई स्कू लों में इसे गंभीरता से लेते हैं, लेकिन यह प्रदर्शन व फोटो खिंचवाने तक सीमिति नहीं रहकर सतत क्रियान्वित होना चाहिए। राउमावि नगर के संस्थाप्रधान सुशील कुमार जैन के अनुसार इसे प्रतिदिन जारी रखने पर कोरोना जैसी आपदा के समय हाथ धोने के विषय को बार-बार दोहराने की आवश्यकता नहीं होगी। विश्व पटल पर भी टिश्यू पेपर संस्कृति ने हैंड वाश को नकारात्मक प्रभावित किया है।
आदत में वृद्धि, लापरवाही न बरतें : – गढ़ी सीबीईओ के संदर्भ व्यक्ति खुशपाल शाह के अनुसार हैंड वाशिंग डे वर्ष में एक दिन ही मनाया जाता है, लेकिन प्रतिदिन विद्यालयों में भोजन से पूर्व साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था है। इसके चलते बालकों में हाथ धोने की अवेयरनेस आई है। हैडं वाशिंग डे के कारण माताओं में भी भोजन बनाने से पहले हाथ धोने की आदत में इजाफा हुआ है। विभाग का यह महत्वपूर्ण कार्य आज की आपदा में सही साबित हो रहा है। कई विद्यालयों में इसकी नियमितता है, लेकिन कुछ लोग लापरवाही से इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं। संस्थाप्रधान राजेंद्र अधिकारी के अनुसार स्कूलों में बताई गई इस अच्छी आदत का अनुसरण घरों में भी करते रहने से बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकता है। दिलीप जोशी के अनुसार यह अच्छा कदम होगा, लेकिन बजट भी जारी करना चाहिए। साथ ही कार्मिकों को इसे इमानदारी से लागू करना होगा।
पाठ्यक्रम का बने अंग : – राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय की संस्थाप्रधान माया सेमसन के अनुसार व्यक्तिगत स्वच्छता को पाठ्यक्रम का अंग बनाया जाना चाहिए। बच्चों में बीमारी का 50 प्रतिशत कारण व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी ही है। हाथ धोना साधारण लेकिन कारगर उपाय है। इसे विद्यालय से ही विकसित किया जाना चाहिए। राबाउमावि खांदू कॉलोनी की संस्थाप्रधान सुमन द्विवेदी के अनुसार प्रार्थना सभा में नैतिक शिक्षा के तहत इसके बारे में नियमित जानकारी दी जाए तो बच्चों में जागरुकता आएगी। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी। बीमारी का मुख्य कारण स्वच्छता को नहीं अपनाना है।

Home / Banswara / पहले होती रही सिर्फ औपचारिकता, अब स्कूलों में नियमित हैंड वॉशिंग डे मनाने की पैरवी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो