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‘जियो और जीने दो का संदेश देने वाले भगवान महावीर अहिंसा के अवतार’ – पुलकसागर महाराज

locationबांसवाड़ाPublished: Apr 06, 2020 02:48:59 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Mahaveer Jayanti 2020, Mahavir Janmkalyanak In Banswara : महावीर जयंती आज, नहीं निकली शोभायात्रा, घरों में मनाया जा रहा जन्मकल्याणक

‘जियो और जीने दो का संदेश देने वाले भगवान महावीर अहिंसा के अवतार’ - पुलकसागर महाराज

‘जियो और जीने दो का संदेश देने वाले भगवान महावीर अहिंसा के अवतार’ – पुलकसागर महाराज

बांसवाड़ा. अहिंसा के अवतार भगवान महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव सोमवार को मनाया जा रहा है। कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन के कारण हालांकि सकल जैन समाज की ओर से शोभायात्रा आदि कार्यक्रम नहीं हुए, लेकिन जैन समाजजन अपने घरों में महावीर जयंती मनाई। इसके लिए आचार्य पुलकसागर ने समाजजनों को संदेश भी दिया है। वहीं श्रीश्रीमाल सेठिया जैन श्वेताम्बर त्रिस्तुतिक संघ ने गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद्विजय ऋ षभचंद्र सूरीश्वर महाराज की प्रेरणा से महावीर जन्म कल्याणक अपने घरों से ही मनाने का संदेश दिया है।
छह तारीख, छह बजे, छह मिनट : – आचार्य पुलकसागर ने महावीर जयंती पर त्रिशला नंदन वीर की, जय बोलो महावीर की… का संदेश अपने घर पर चस्पा करने, छह अप्रेल को सुबह छह बजे भगवान महावीर के जन्म कल्याणक की जय, आज महावीर जयंती है… को म्यूजिक सिस्टम के साथ बजाने को कहा है। प्रात: 7 बजे भगवान महावीर की घर पर ही पूजा करने, शाम 7 बजे महावीर भगवान का पालना झुलाने, घर के दरवाजे पर या बॉलकनी में 24 दीपक प्रज्वलित करने, पुष्प वृष्टि करने और भगवान महावीर की आरती करने को कहा है।
जीवन मूल्यों के संस्थापक : – आचार्य ने कहा कि भगवान महावीर अहिंसा अवतार, करुणा की प्रतिमूर्ति, जन के उद्धारक थे। उन्होंने अहिंसा परमो और जियो और जीने दो का संदेश दिया है। जीवन मूल्यों की स्थापना की। विश्व के निर्माण में महावीर स्वामी के आध्यात्मिक दृष्टि से असाधारण हैं। राजनीतिक दृष्टि से भी उनके महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहली बार हो रहा है कि महावीर जयंती की शोभायात्रा नहीं निकल पा रही है, लेकिन घर में बैठकर महावीर जयंती मनाने की अलग आनंद व अनुभूति होगी। महावीर कहते हैं कि जो भीतर रहता है वह तर जाता है जो बाहर रहता है वह तर नहीं पाता है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के सूत्र व सिद्धांतों को लोग पुराना कहते हैं, लेकिन उनके सिद्धांत अप-टू-डेट थे और भविष्य में भी रहेंगे।

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