पपीता ने बताया कि वेे तीनों बाइक पर पीहर जा रहे थे। बोरखाबर के पास रास्ते में आ रहे टेम्पो ने कट मारा। बजरी होने के कारण बाइक अचानक अनियंत्रित हो गई। तीनों लोग बाइक सहित सडक़ पर गिर गए। गिरने के बाद बहन तो उठ खड़ी हुई, लेकिन पति विकास न हिला न डुला। इसके बाद आसपास के लोग उसके पति को महात्मा गांधी अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां चिकित्सक ने विकास को मृत घोषित कर दिया। शव पोस्टमार्टम के लिए महात्मा गांधी अस्पताल स्थित मोर्चरी में रखवाया गया।
आंबापुरा. शव पोस्टर्माटम के बाद नवाखेड़ा पहुंचने पर पीडि़त पक्ष ने मौताणे के रूप में दो लाख रुपए की मांग की। मामले को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि मौताणे को लेकर देरशाम तक टैम्पो चालक व उसके पक्ष के लोगों के साथ मृतक के परिजनो के साथ बातचीत हुई। लेकिन दूसरा पक्ष 50 हजार रुपए देने पर ही अड़ा रहा। जिस कारण कई घंटे के बातचीत के बाद भी समझौता नहीं हो सका। सोमवार को एक बार फिर दोनों पक्षों के बीच बातचीत होगी।
महात्मा गांधी अस्पताल के ट्रोमा वार्ड के बाहर दरवाजे के कोने पर कभी घूंघट उठा आंसू पोंछती तो कभी बहन के कांधों पर सिर रख विलप करती। पपीता बेसुध सी पति के शव को निहार रही थी। जो कुछ समय पहले बाइक पर सवार उसके साथ था। एकाएक वह उससे हमेशा के लिए दूर हो गया। पपीता की शादी को डेढ़ वर्ष ही हुआ था। हादसे से उसका सुहाग उजड़ गया।