प्री-मानसून की बारिश के साथ तूफानी हवा ने गांवों में मचाई तबाही, 1200 मकान क्षतिग्रस्त, सैंकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे टूटे दूसरे दिन विधायक, प्रधान, उपखण्ड अधिकारी सहित जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को मदद का आश्वासन दिया था, लेकिन एक सप्ताह बीतने बाद भी स्थिति जस की तस है। टीम के पहुंचते ही मानो कोई उनका दर्द सुनने आया हो। खेतों में जगह-जगह पेड़ पड़े हुए हैं। घरों से उड़े कवेलू, टीनशैड का दर्द अभी मिटा नहीं। खेतों में बुवाई का समय है। सरकार की ओर से खाद्य-बीज मिला नहीं। लोगों ने उधारी से खाद्य-बीज लाकर बुबाई की थी। सैकड़ों घरों पर छत नहीं है। ग्रामीण छत डालने की व्यवस्था करे या फिर खेती के लिए बीज की। गंाव के हालात देखने से ऐसा लगता है जैसे आज ही बंवडर आया हो।
पेयजल को तरसे
पाड़ला, मियासा ग्राम पंचायत में बिजली सुचारु नहीं होने से पीने के लिए लोग पानी को तरस रहे हैं, तो मोबाइल बंद पड़े है। गांव की महिलाओं ने बताया कि गांव में बिजली नहीं होने से आटा पिसाने के लिए 10 किसी दूर खमेरा, पीपलखूंट जाना पड़ रहा हैै। बिजली के अभाव में शाम को खान बनाने में भी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।
पाड़ला, मियासा ग्राम पंचायत में बिजली सुचारु नहीं होने से पीने के लिए लोग पानी को तरस रहे हैं, तो मोबाइल बंद पड़े है। गांव की महिलाओं ने बताया कि गांव में बिजली नहीं होने से आटा पिसाने के लिए 10 किसी दूर खमेरा, पीपलखूंट जाना पड़ रहा हैै। बिजली के अभाव में शाम को खान बनाने में भी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।