बांसवाड़ा : मनोकामना पूर्ति के लिए किया हरतालिका तीज व्रत, शिव-पार्वती के पूजन के लिए मंदिरों में लगा मेला उसका कहना है कि मिट्टी के गणेश की प्रतिमा नुकसान नहीं पहुंचाती है और आस्था को भी मजबूत करती है। उसने बताया कि आठ दिन पहले ही तैयारी शुरू हो जाती है। सेमलिया गांव से कुम्हार के घर से मिट्टी लाकर दो दिन पानी में भिगोकर रखती है। फिर मुहूर्त देखकर एक पाल्थी में बैठकर निर्माण शुरू करती है। मेहता ने बताया कि इस बार सवा दो फीट ऊंची प्रतिमा साढ़े तीन घंटे में बनाकर तैयार की है। इसकी स्थापना गणेश चतुर्थी के दिन की जाएगी। ग्रीष्मा की तरह ही रातीतलाई निवासी दीप्ति उपाध्याय ने भी इस बार मिट्टी के गणेश बनाए हंै। इसकी स्थापना चतुर्थी के दिन सोमवार को करेंगी। दीप्ति ने बताया कि मिट्टी के गणेश बनाकर वह पर्यावरण को बचाने का संदेश देना चाहती है।