scriptमिलिए बांसवाड़ा की कुछ ऐसी शख्सियतों से… जो मिट्टी की गणेश प्रतिमा से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही है | Message of environmental protection from clay Ganesh statue | Patrika News

मिलिए बांसवाड़ा की कुछ ऐसी शख्सियतों से… जो मिट्टी की गणेश प्रतिमा से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही है

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 02, 2019 12:46:52 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

clay ganesh statue in banswara : मिलिए बांसवाड़ा की कुछ ऐसी शख्सियतों से… जो मिट्टी की गणेश प्रतिमा से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही है

मिलिए बांसवाड़ा की कुछ ऐसी शख्सियतों से... जो मिट्टी की गणेश प्रतिमा से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही है

मिलिए बांसवाड़ा की कुछ ऐसी शख्सियतों से… जो मिट्टी की गणेश प्रतिमा से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही है

बांसवाड़ा. मुंबई की तर्ज पर बांसवाड़ा में मनाए जाने वाले गणेशोत्सव की धूम सोमवार से शुरू हो रही है। इस धूम धड़ाके के बीच शहर में कुछ ऐसी शख्सियतें भी हैं जो मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही हैं। तिरुपति नगर निवासी ग्रीष्मा मेहता पिछले चार सालों से मिट्टी के गणेश बनाकर पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण बचाओ का संदेश दे रही है। इस बार भी गणेशोत्सव से पहले ही ग्रीष्मा मेहता पुत्री जयेंद्र मेहता ने मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाकर तैयार कर ली है। निराहार रहकर प्रतिमा बनाने की प्रेरणा उसे अपने पिता जयेंद्र और मां मनीषा मेहता से मिली है। ग्रीष्मा बताती है कि 2016 में पहली बार मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाई थी। इसके बाद से गणेशोत्सव में मिट्टी के गणेश का निर्माण करती है।
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उसका कहना है कि मिट्टी के गणेश की प्रतिमा नुकसान नहीं पहुंचाती है और आस्था को भी मजबूत करती है। उसने बताया कि आठ दिन पहले ही तैयारी शुरू हो जाती है। सेमलिया गांव से कुम्हार के घर से मिट्टी लाकर दो दिन पानी में भिगोकर रखती है। फिर मुहूर्त देखकर एक पाल्थी में बैठकर निर्माण शुरू करती है। मेहता ने बताया कि इस बार सवा दो फीट ऊंची प्रतिमा साढ़े तीन घंटे में बनाकर तैयार की है। इसकी स्थापना गणेश चतुर्थी के दिन की जाएगी। ग्रीष्मा की तरह ही रातीतलाई निवासी दीप्ति उपाध्याय ने भी इस बार मिट्टी के गणेश बनाए हंै। इसकी स्थापना चतुर्थी के दिन सोमवार को करेंगी। दीप्ति ने बताया कि मिट्टी के गणेश बनाकर वह पर्यावरण को बचाने का संदेश देना चाहती है।
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