निरीक्षण के दौरान विधायक ने मीड डे मील योजना की वास्तविक स्थिति की जानकारी मांगी। जसेला विद्यालय में बुधवार को 147 विद्यार्थी उपस्थित थे, जिसके आधार पर स्कूली रेकॉर्ड व सूचना पट्ट पर बीस किलो तीन सौ ग्राम आटा व चार किलो साठ ग्राम दाल का पोषाहार बनाना दर्शाया गया। पर, कुक कम हेल्पर से जब विधायक ने सवाल-जवाब किया तो खुलासा हुआ कि चपाती पकाने के लिए महज पंद्रह किलोग्राम आटा लिया गया है और दो किलो दाल पकाई गई है। इस पर विद्यायक ने नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई। इस बीच उन्होंने दूध की मात्रा व गुणवत्ता को लेकर भी जानकारी चाही तो वहां भी विरोधाभास सामने आया। साथ ही दूध गुणवत्ता जांच यंत्र का भी उपयोग नहीं किए जाना सामने आया। इस पर विधायक ने दूध का सेंपल अपने साथ ले गए।
इशारों की भाषा में मूक बधिर बच्चे बोले- ‘दो-तीन रोटी से भरना पड़ता है पेट’, स्कूल प्रशासन का दावा- ‘भरपेट मिलता है भोजन’ कम पड़ गई रोटियांबच्चों को जब भोजन परोसा गया तो निर्धारीत मात्रा से कम का पोषाहार बनने के चलते मौके पर ही तकरीबन एक दर्जन स्कूली बच्चों को रोटी नहीं मिली। इस पर विद्यायक ने स्कूली स्टॉफ व अधिकारियों से सवाल जबाव कर जल्द व्यवस्थाएं सुधारने व सतत निगरानी करने की हिदायत दी।
नवमीं का बच्चा नहीं पढ़ पाया अखबार
विद्यायक ने कक्षा नवमीं, छठी एवं पांचवी कक्षाओं में पहुंच विद्यार्थियों की शैक्षणिक स्थितियों का आंकलन किया। इस दौरान वे नवमीं कक्षा में पहंचे तो विधार्थियों से अंग्रेजी भाषा पढऩे को कहा। वहीं एक दो बच्चे हिन्दी भी ठीक से नहंी पढ़ सके। इस पर विधायक ने शिक्षकों को शिक्षा के स्तर को सुधारने की हिदायत दी।
पीएचसी का भी किया निरीक्षण
विद्यायक जिसेला प्राथमिक स्वास्थ केंद्र का भी निरीक्षण किया। मौके पर उपस्थित चिकित्सा स्टॉफ से चर्चा कर मरीजों से दवाईयों के एवज में पैसा लेने की शिकायतों पर जानकारी ली। वहीं कर्मचारी उपस्थिति पंजीका का भी अवलोकन किया।