scriptबांसवाड़ा : राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने कहा, पूरा राजस्थान जानता है मैं क्या बोलता हूं और कैसे बोलता हूं | Minister of State Dhansinh Rawat spoke to the officers | Patrika News

बांसवाड़ा : राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने कहा, पूरा राजस्थान जानता है मैं क्या बोलता हूं और कैसे बोलता हूं

locationबांसवाड़ाPublished: Dec 06, 2017 01:28:40 am

Submitted by:

Ashish vajpayee

पंचायत राज राज्य मंत्री धनसिंह रावत ने छोड़े अफसरों पर शब्द बाण, अफसर अपना रवैया बदल लें वरना कठोरता से बात करना भी आता है

banswara latest hindi news
बांसवाड़ा. ठीकरिया. पंचायत राज राज्य मंत्री धनसिंह रावत ने मंगलवार को एक फिर अफसरों पर शब्दों के तीखे बाण छोड़े और कहा कि पूरा प्रदेश मेरे बारे में जानता है कि मैं क्या बोलता हूं और कैसे बोलता हूं। उन्होंने अफसरों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वे अपना रवैया बदल लें वरना उन्हें कठोरता से बात करना भी खूब आता है।
रावत के ये बोल मंगलवार को कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सुनने को मिले। रावत ने दो टूक कहा जो अधिकारी काम करते हैं उनसे प्रेम से बात कहता हूं और जो नहीं करते हैंं उनसे कठोरता से बात करता हूं। हम नए जमाने के लोग हैंं और यहां के लोगों को इज्जत से रखना चाहते हैं, इसलिए अधिकारी अपना रवैया बदल दें।
किसानों को गुमराह करने का भी आरोप

रावत ने कृषि अधिकारी किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया। अधिकारी यह कहते रहते हैं कि वागड़ के किसान तो ऐसे हैं कि इनका जितना उपयोग कर सको कर लो। इनको तो ऐसे ही घुमते रहने दो। यह समझदार हो जाएंगे तो हमको मान नहीं देंगे। रावत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अब वह समय नहीं रहा और नेता भी पुराने नहीं रहे। जितना जल्दी हो सके अधिकारी अपना रवैया बदल लें।
पहले पता होता तो कार्यक्रम में ही नहीं आता…

कार्यक्रम में कुर्सियों की कमी के कारण धरतीपुत्रों को धरती ही नसीब हुई, इसको लेकर भी राज्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि यदि उनको पहले से पता होता कि किसान भाइयों को कुर्सियां नहीं मिलेंगी तो वह इस कार्यक्रम में ही नहीं आते।
बदले-बदले नजर आए सरकार

अक्सर विवाद भरे बयानों से सुर्खियों में रहने वाले रावत ने किसानों से एक नसीहत भी दी और कहा कि ब्राह्मणों और बनियों ने हमें नहीं लूटा है। नेताओं ने गलत भाषण देकर 70 सालों तक गुमराह किया है। इसलिए पुरानी बातों को भुलाकर उनको गुरु मानना है, ताकि वह आपकी मदद कर सकें। उन्होंने इस मौके पर सिंधी समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पास कुछ भी नहीं था, लेकिन आज वह साधन सम्पन्न हैं और हमारे पास 50-60 बीघा जमीन थी, लेकिन आज हमारे पर कुछ भी नहीं है। इसका मुख्य कारण हम समय के साथ समझदार नहीं हो पए। इसके लिए उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वह कृषि वैज्ञानिकों की मदद से नकदी फसलें पैदा करें जिससे अच्छी आमदनी हो सके।
कृषि सुधार के लिए होगा जनवरी में प्रशिक्षण

इस दौरान राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि किसानों को आमदनी दुगुनी करने के लिए खेती में बदलाव लाना पड़ेगा। गेहूं व मक्का करने के स्थान पर सब्जियां, मशरुम, मुर्गी पालन, बकरी, खरगोश पालन से ज्यादा फायदा होगा। इस बारे में जानकारी देने के लिए 5 जनवरी को कृषि अनुसंधान विज्ञान केन्द्र में प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। जिसमें किसानों को उन्नत कृषि विस्तार के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी अधिकारी डा आर एल सोनी, उपनिदेशक कृषि विस्तार रमेश जारोली, हरगिलास मीणा, डा. हिरालाल, डा. बीएस माही, डा. रामवघेल, डा. कुलदीप आदि ने विचार व्यक्त किए। वहीं कार्यक्रम में भाजपा ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष रणछोड़ पाटीदार, जिपस किशोरी लाल मईड़ा, मनोज दायमा, राजा रावत उपस्थित थे। संचालन डा. जीएल कोठारी ने किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो