scriptराजस्थान में हर तरफ जमकर हो रही बरसात, चैंरापूंजी कहे जाने वाले बांसवाड़ा में अबतक अच्छी बारिश का इंतजार | Monsoon Latest Update In Rajasthan, Weak Monsoon Rain In Banswara | Patrika News

राजस्थान में हर तरफ जमकर हो रही बरसात, चैंरापूंजी कहे जाने वाले बांसवाड़ा में अबतक अच्छी बारिश का इंतजार

locationबांसवाड़ाPublished: Jul 27, 2019 03:02:32 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Cherrapunji Of Rajasthan, Monsoon 2019 : दिनभर बादलों का डेरा, कहीं कहीं हल्की बारिश, 20 दिन बाद फिर शुरू हुआ दौर लेकिन व्यापक वर्षा का इंतजार

banswara

राजस्थान में हर तरफ जमकर हो रही बरसात, चैंरापूंजी कहे जाने वाले बांसवाड़ा में अबतक अच्छी बारिश का इंतजार

बांसवाड़ा. प्रदेश के उत्तर-पूर्वी जिलों में झमाझम के बीच वागड़ में भी अब पुन: मानसून सक्रिय होने लगा है। शुक्रवार को सुबह से आसमान में बदरा छाए रहे। दिन में कुछ देर के लिए रिमझिम बारिश भी हुई। जिले के कुछ ग्रामीण इलाकों में भी बारिश के समाचार हैं। जिले में करीब 20 दिन के अंतराल के बाद बारिश का दौर शुरू हुआ है। हालांकि पूरे जिले में व्यापक बारिश का अब भी किसानों और आमजन को इंतजार है।
वागड़ में मानसून के दौरान रूठे इंद्रदेव को मनाने निकले बुनकर समाजजन, घर-घर जाकर मांगा पानी, निभाई वर्षों पुरानी परंपरा

बारिश नहीं होने से अधिकांश जगह फसल सूखने और खराबा होने की आशंका भी उत्पन्न हो गई है, लेकिन गुरुवार रात्रि को जिले के कुछ ग्रामीण इलाकों में बारिश से एक बार फिर किसानों में फसल के बच जाने की आस जगी है। कलक्ट्री नियंत्रण कक्ष के अनुसार शनिवार सुबह आठ बजे समाप्त पिछले 24 घंटों में दानपुर में पांच, भूंगड़ा में चार, सल्लोपाट और केसरपुरा में तीन-तीन, घाटोल में दो और बांसवाड़ा में एक मिमी बारिश दर्ज हुई है। वहीं वागड़ अंचल को छोडकऱ समूचे प्रदेश में बादलों ने जोर पकड़ रखा है। उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हो रही है।
वागड़ के किसानों पर कुदरत का कहर : बारिश नहीं होने से खेतों में सूखने लगी फसल, मक्का और सोयाबीन पर ज्यादा असर

गौरतलब है कि जिले में प्री मानसून के दौरान हुई बारिश के बाद किसानों ने खेतों की बुवाई कर दी थी। उस दौरान मक्का, सोयाबीन, ग्वार, कपास, ज्वार, धान, हरा चारा आदि की बुवाई के बाद यह बीज अंकुरित होकर पौधों ने जड़ें भी पसार ली, लेकिन मानसून की जोरदार बारिश नहीं हुई। बारिश का महीना कहे जाने वाले सावन का पहला सप्ताह व वागड़ के आषाढ़ के दूसरे पखवाड़े का पहला सप्ताह सूखा ही निकल गया है। ऐसे में फसलें सूखने के कगार पर आ पहुंची है। यहां तक कि जिले के किसान अब माही की नहरों में पानी छोडऩे की मांग भी करने लगे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो