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बांसवाड़ा : जिले में सबसे ज्यादा हादसे बाइक भिड़ंत के, काश हेलमेट पहना होता तो बचा रहता कइयों का सुहाग

locationबांसवाड़ाPublished: May 24, 2018 03:43:50 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

पहले पहुंचने और आगे निकलने की होड़ लील रही जिंदगियां

banswara

बांसवाड़ा : जिले में सबसे ज्यादा हादसे बाइक भिड़ंत के, काश हेलमेट पहना होता तो बचा रहता कइयों का सुहाग

बांसवाड़ा. दुर्घटना में मौत यानी किसी का सुहाग उजड़ता है, किसी का पत्नी का साथ छूट जाता है तो कोई अपना बेटा-बेटी खोता है, कोई दादा-पोता गंवाता है तो कोई अपना भाई- बहिन। यानी परिवार का ताना बाना चपेट में आता है। कुछ लोग ऐसे हादसे से उबर जाते हैं तो कुछ ताउम्र इसके दर्द से उबर नहीं पाते। मानसिक तौर पर परेशान, आर्थिक तंगी की मार, जिंदगी के सफर में अकेलापन न जाने कितने कितने कष्ट से जीवन भर जाता है।
मौत पर तो किसी का बस नहीं और कई बार दूसरों की लापरवाही भी असमय मौत दे जाती है, लेकिन सडक़ पर चलते समय कानून की थोड़ी सी पालना से कई हादसे टाले जा सकते हैं और हादसा हो भी जाए तो बचे रह सकते हैं। परिवार को संकट से दूर रखा जा सकता है। अनेकों बार यह सामने आया है कि दुर्घटन ा में वाहनचालक हेलमेट पहनने के कारण बच गया और हेलमेट न पहनने से सिर में चोट लगने से मौत का शिकार हो गया।
पिछले कुछ वर्षों में सडक़ों पर दोपहिया और चारपहिया वाहनों की संख्या में बेहताश बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कानून कायदों की अनदेखी और लापरवाही से ही ज्यादातर दुर्घटनाएं होना सामने आया है। कहीं रफ्तार बेकाबू तो कही गलत तरीके से ओवर टेक करना। फिर नियमों की पालना का जिम्मा जिन महकमों का है उसकी सुस्ती जिंदगी पर जब तब भारी पड़ जाती है। सुरक्षा की दृष्टि हेलमेट की अनिवार्यता के नियम की पालना का तो बुरा हश्र हो रहा है।
खुद पुलिस भी नहीं पहनती हेलमेट
हेलमेट की अनिवार्यता लागू करवाने वाले खुद यातायात पुलिस एवं थाने के पुलिस कार्मिक हेलमेट का उपयोग नहीं करते हैं। ऐसे में आम जनता पर भी इसका असर नहीं हो रहा है।
बगैर हेलमेट वालों के चालान भी नाममात्र
वर्ष 2018 में जनवरी से अब तक विभाग ने बगैर हेलमेट वालों के करीब 118 चालान बनाए। इनमें जनवरी में 14, फरवरी 15, मार्च में 20, अप्रेल में 69 चालान बनाए गए। वहीं तेजगति से वाहन दौड़ाने वालों के वर्ष 2018 में अब तक करीब 122 चालान बनाए गए। इनमें जनवरी में 43, फरवरी में 18, अप्रेल में 30 तथा मार्च 31 चालान बनाए गए।
तीन वर्षों में दुर्घटनाएं
वर्ष 2015 में
दुर्घटनाएं मृतक घायल
368 182 496
वर्ष 2016 की स्थिति
दुर्घटनाएं मृतक घायल
382 190 462
वर्ष 2017 अब तक
दुर्घटनाएं मृतक घायल
117 101 258

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