पुलिस के अनुसार हादसा रात करीब साढ़े दस बजे हुआ, जब बाइक सवार नवाटापरा, बाणेशिया निवासी लक्ष्मण (28) पुत्र गौतम मछार और छतरीपाड़ा निवासी लक्ष्मण (30) पुत्र पूंजा मईड़ा मजदूरी के बाद घाटोल से घर लौट रहे थे। बडाना मोड़ और घाटोल के बीच बांसवाड़ा की तरफ से आ रहे धागों की गांठों से लदा ट्रक कंटेनर से इनकी भिड़ंत हो गई। हादसे में बाइक समेत दोनों युवा मजदूर कुचल गए, वहीं उनकी बाइल ट्रक तले फंस गई। हादसे के बाद ट्रक कंटेनर के टायरजाम हो गए, जिसके चलते चालक अंधेरे में भाग छूटा। मौके पर एकत्र लोगों की सूचना पर घाटोल चौकी से प्रभारी अब्दुल हकीम मय जाब्ता पहुंचे। पुलिस ने दोनों के शव जिला अस्पताल भिजवाए। इसके बाद शनिवार सुबह कार्रवाई होनी थी, लेकिन मृतकों के परिजन बांसवाड़ा आने के बजाय मौके पर बैठ गए और चालक और ट्रक कंटेनर मालिक को बुलाकर भांजगड़ा कराने की मांग पर अड़ गए। सूचना पर घाटोल सीओ कैलाशचंद्र और खमेरा थाने के प्रभारी एसआई रमेश कटारा भी मय जाब्ता पहुंचे। ट्रक कंटेनर का मालिक भीलवाड़ा का होने और चालक पहले ही भाग चुका होने से यहां यहां दोपहर तक कोई नहीं पहुंचा। बाद में मोबाइल नंबर जुटाकर कंटेनर मालिक से बात की गई तो उसने आर्थिक मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद अपराह्न में परिजन कार्रवाई के लिए सहमत हुए और बांसवाड़ा आए। यहां मृतक लक्ष्मण पुत्र पूंजा के भतीजे विकास पुत्र रणछोड़ ने पुलिस को रिपोर्ट दी। इस पर केस दर्ज कर पोस्टमार्टम करवा शाम को दोनों शव परिजनों को सौंपे जा सके।
इसलिए अड़े ग्रामीण, ट्रक जब्त इससे पहले सुबह मौके से पुलिस ने जब्त करके कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन लक्ष्मण पुत्र पूंजा की मौत से उसका परिवार सडक़ पर आने के हालात बताकर परिजन कंटेनर मालिक से मौताणा दिलाने के लिए अड़ गए। परिजनों ने बताया कि तीन भाइयों में लक्ष्मण सबसे छोटा और अविवाहित था। उसके बड़े भाई की चार-पांच साल पहले सडक़ हादसे में मौत हो गई, वहीं दूसरे भाई का भी बाद में अचानक निधन हो गया। इसके चलते पांच भतीजों और दो भतीजियों की परवरिश की जिम्मेदारी लक्ष्मण पर ही थी। वह शादीशुदा था, लेकिन भाइयों के बच्चों और परिवार के बोझ के चलते निसंतान रहकर पूरे कुनबे को पाल रहा था। उसकी मौत से पीछे घर की हालत बिगड़ गई है।