शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ प्रद्युम्न शाह ने बताया कि कीड़ों की संभावना बच्चों में इसलिए ज्यादा होती है कि बच्चे मिट्टी में खेलते हैं और नंगे पैर घूमते हैं। साफ सफाई का ध्यान नहीं रख पाते हैं।
ये देखने में रिबन (फीते ) जैसा होता है ये 15 से 30फीट तक बढ़ सकते हैं।
लक्षण
मितली और उल्टी का होना
कुपोषण होना
पीलिया होने की संभावना अधिक रहती है
ये कीड़े केंचुए की तरह दिखते हैं 30 से 35 सेंटीमीटर के आकार तक बढ़ सकते हंै।
लक्षण
– बुखार और सूखी खांसी इस कीड़े के मुख्य लक्षण है, जो इसके संपर्क में आने के बाद एक से दो सप्ताह में दिखलाई पड़ते हैं।
ये कीड़े सफेद सूती धागों की तरह होते हैं। ये आंतों में रहते हैं।
लक्षण
खुजली
थ्रेड कीड़े रात के दौरान रेंगते है, गुदा के पास अंडे देते है इससे खुजली की समस्या बढ़ती है
यह आमतौर पर दूषित मिट्टी के संपर्क से होते हैं और आंतो में प्रवेश करते है
लक्षण
खांसी और घबराहट
एनीमिया और थकान
बच्चे के मल में इन्हें देखा जा सकता है राजस्थान के इस इलाके में नहीं चलती कार या बाइक… यहां महिलाओं से लेकर बच्चे तक चलाते है ‘नाव’
इन कारणों से होते हैं कृमि
– मिट्टी में नंगे पैर खेलने से
– बिना हाथ धोए खाना खाने से
– खुले में शौच करने से
– साफ-सफाई न रखने से
नाखून साफ और छोटे रखें
हमेशा साफ पानी पीयें
खाने को ढंक कर रखें
साफ पानी से फल और सब्जियां अच्छी तरह धोएं
हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद
खुले में शौच से बचें
जुतों का उपयोग ज्यादा करें
(जैसा कि आरसीएचओ डॉ. नरेंद्र कोहली ने बताया)
चिकित्सक निलेश परमार ने बताया कि पेट की समस्या से ग्रसित मरीजों में 40 फीसदी मरीजों में पेट के कृमि होते हैं। और गौर करने वाली बात यह है कि मरीज को खुद भी पता नहीं रहता है कि उनके पेट में कीड़े है। वहीं, पेट की समस्या से ग्रसित 60 फीसदी बच्चों के पेट में कीड़े होते हैं।