दिल्ली से आई टीम ने नकारा था प्लान : – एनआरएचएम के सहायक अभियंता अशोक गुप्ता के अनुसार नए मेल-फिमेल वार्ड का मुआयना कुछ माह पहले दिल्ली से आई टीम ने किया था। उस समय रास्ते के सवाल पर पीआईपी के मुताबिक बताया गया कि यहां ऑपरेशन थियेटर से रास्ता निकाला जाएगा, जिससे सीधे दूसरे वार्डों से पहुंच मुमकिन हो। टीम ने उसे खारिज कर दिया। तब से रास्ते का मामला पसर गया। उसके बाद कॉरिडोर बनाकर रास्ता देने का 38 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है। दूसरी ओर, पीएमओ डॉ. नंदलाल चरपोटा की मानें, तो इन वार्डों के लिए लिफ्ट के करीब से कॉरिडोर निकालकर मार्ग बनाना प्रस्तावित है, लेकिन इस बारे में कोई कुछ बता नहीं पा रहा है।
ठेकेदार फर्म भी कह चुकी काम अनुपयोगी : – मामले में ठेकेदार फर्म के सुशील मित्तल का कहना है कि पहले सिंगल टेंडर करीब सवा करोड़ का था, जिसमें एप्रोच शामिल थी। एप्रोच केंसल कर दी गई। तभी से पत्र व्यवहार कर फर्म ने स्पष्ट कर दिया कि वार्डों का निर्माण पूरा होने भी अनुपयोगी रहेगा। सीएमएचओ को भी लिखा। अब शायद दूसरा टेंडर एप्रोच के लिए करने की तैयारी है। दूसरी ओर, सिविल विंग के अधिशासी अभियंता इससे अनभिज्ञता जताकर पूरी तरह पल्ला झाड़ रहे हैं, जबकि सवा करोड़ की लागत के बाद अब 38 लाख की चपत सरकार को अतिरिक्त लगेगी। इस मामले में सिविल विंग एनआरएचएम के अधिशासी अभियंता आरके फुलवारिया ने कहा कि एमजी अस्पताल के निर्माण कार्यों का मुआयना किया था, लेकिन मेल-फिमेल वार्ड के निर्माण में एप्रोच को लेकर कोई जानकारी नहीं है। देखते हैं। कुछ करेंगे।