आगामी रविवार को प्रस्तावित चिकित्सा शिविर और टीकाकरण की जानकारी देने शुक्रवार को वार्ड 17 की आशा सहयोगिनी नवप्रसूता
विमला के घर पहुंची। घर बंद था। पड़ोस में पूछने पर बताया कि पिछले कई दिनों से घर बंद है, लेकिन उसमें से दुर्गंध आ रही है। इस पर आशा सहयोगिनी व मौके पर मौजूद एक व्यक्ति ने घर खोला तो बिस्तर के बीच में नवजात कन्या का शव पड़ा था। पुलिस ने कन्या के परिजनों को बुलवाया और पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंपा।
पुलिस के अनुसार लालपुरा निवासी विमला पत्नी कैलाश का 29 जुलाई को पीहर सामरिया गांव में प्रसव हुआ और उसने कन्या
को जन्म दिया था। कुछ समय बाद वह अपने पति के घर आ गई। कुछ दिनों पहले पति-पत्नी में झगड़ा हुआ तो दोनों नवजात को घर में ही छोड़कर चले गए।
पड़ोसियों के अनुसार पिछले तीन-चार दिनों से बंद घर से दुर्गंध आ रही थी, लेकिन चूहे के मरने की दुर्गध समझकर ध्यान नहीं दिया। बताया गया कि नवजात की मां विमला करीब आठ दिन पहले अपने पीहर चली गई थी। नवजात विमला की पांचवीं संतान थी। पूर्व में दो की मौत हो चुकी है और एक बालक व एक बालिका अभी हैं।
कार्यकर्ता वीना वैरागी ने बताया कि लालपुरा क्षेत्र में आंगनवाड़ी केंद्र नहीं होने और वार्ड 17 का आंगनवाड़ी केंद्र समीप होने से 10 जनवरी को विमला का केंद्र पर पंजीकरण किया था। इसके बाद उसका ममता कार्ड बना और एक बार टीकाकरण भी किया गया।
इधर, खांदू कॉलोनी चौकी प्रभारी मनोहर सिंह ने बताया कि नवजात का शव मिलने की जानकारी पर पुलिस पहुंची और मौका मुआयना किया। आशा व कार्यकर्ता से जानकारी ली। इसके बाद विमला के पीहर की जानकारी लेकर परिजनों को बुलवाया और पोस्टमार्टम के बाद शव सौंपा। उन्होंने बताया कि मामले की अभी जांच की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।