अच्छी सडक़ों का कब आएगा ‘जमाना’
बांसवाड़ा. पहले बजट का रोना अब बारिश का बहाना। बदहाल सडक़ों को सुधारने में प्रशासन का लेकिन-परंतु का सिलसिला थम नहीं रहा है और जनता गिरती-पड़ती, चोट- हिचकोले खाती सफर करने को मजबूर है। अधिकारियों की मानें तो लोगों को अच्छी सडक़ पर चलने के लिए अभी भी इंतजार करना पड़ेगा। कहने को तो अफसर पांच सात दिन में काम शुरू होने की बात कर रहे हैं, लेकिन पिछले लंबे समय से छिटपुट वर्षा को छोडकऱ दौर थमा सा रहा, लेकिन किसी को सडक़ें जल्द ठीक करने की सुध नहीं आई।
बांसवाड़ा. पहले बजट का रोना अब बारिश का बहाना। बदहाल सडक़ों को सुधारने में प्रशासन का लेकिन-परंतु का सिलसिला थम नहीं रहा है और जनता गिरती-पड़ती, चोट- हिचकोले खाती सफर करने को मजबूर है। अधिकारियों की मानें तो लोगों को अच्छी सडक़ पर चलने के लिए अभी भी इंतजार करना पड़ेगा। कहने को तो अफसर पांच सात दिन में काम शुरू होने की बात कर रहे हैं, लेकिन पिछले लंबे समय से छिटपुट वर्षा को छोडकऱ दौर थमा सा रहा, लेकिन किसी को सडक़ें जल्द ठीक करने की सुध नहीं आई।
अभी ये है सडक़ों का हाल
सडक़ों का हाल ये है कि गड् ढों के कारण कब आप सडक़ पर गिर जाएं और चोटिल हो जाएं कहा नहीं जा सकता है। शहर के अन्दर की सडक़ हो या फिर नेशनल हाइवे सब जगह आलम एक सा है। गड्ढों में तब्दील होती सडक़ों पर मरम्मत के नाम पर लीपापोती के आगे कुछ नहीं हो पाया। मन में आया तो गिट्टी मिट्टी डाल दी। पत्थरों से लोग हादसे का शिकार हो तो हों
सडक़ों का हाल ये है कि गड् ढों के कारण कब आप सडक़ पर गिर जाएं और चोटिल हो जाएं कहा नहीं जा सकता है। शहर के अन्दर की सडक़ हो या फिर नेशनल हाइवे सब जगह आलम एक सा है। गड्ढों में तब्दील होती सडक़ों पर मरम्मत के नाम पर लीपापोती के आगे कुछ नहीं हो पाया। मन में आया तो गिट्टी मिट्टी डाल दी। पत्थरों से लोग हादसे का शिकार हो तो हों
दाहोद रोड खतरनाक
शहर के दाहोद रोड का हाल तो इतना बुरा है कि यहां से गुजरना काफी जोखिमभरा लगने लगा है। मार्ग परकई जगह गड्डे हो गए है और इन्हे भरने क लिए डाली गई कंकरीट सडक़ पर फैल गई है। जिसके कारण दुपहिया वाहन चालक स्लीप हो घायल हो रहे है। रीको औद्योगिक क्षेत्र होने से सडक़ पर लगातार भारी वाहनों की आवाजाही का भार भी है। कंकरीट के कारण वाहन चालक चलते-चलते असंतुलित होकर गिर पड़ते हैं। पूर्व में भी इस मार्ग पर इन्हीं हालात के चलते एक जने की जान जा चुकी है। यही मार्ग त्रपुरा सुन्दरी माता का मंदिर की ओर जाता है। मुख्य मार्ग के अलावा शहर की रातीतलाई, सुभाषनगर, बाहुबली कॉलोनी,हीराबाग कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड, अगरपुरा, सूर्या नगर आदि कॉलोनी में सडक़ों की भी दुर्दशा हो रही है। जिले के अन्य इलाकों में भी कई सडक़े बदतर हालत में हैं। लोगों ने कई बार प्रशासन एवं सम्बन्धित विभाग से समस्या रखी लेकिन कोई भी सुध लेने को तैयार नहीं है।
शहर के दाहोद रोड का हाल तो इतना बुरा है कि यहां से गुजरना काफी जोखिमभरा लगने लगा है। मार्ग परकई जगह गड्डे हो गए है और इन्हे भरने क लिए डाली गई कंकरीट सडक़ पर फैल गई है। जिसके कारण दुपहिया वाहन चालक स्लीप हो घायल हो रहे है। रीको औद्योगिक क्षेत्र होने से सडक़ पर लगातार भारी वाहनों की आवाजाही का भार भी है। कंकरीट के कारण वाहन चालक चलते-चलते असंतुलित होकर गिर पड़ते हैं। पूर्व में भी इस मार्ग पर इन्हीं हालात के चलते एक जने की जान जा चुकी है। यही मार्ग त्रपुरा सुन्दरी माता का मंदिर की ओर जाता है। मुख्य मार्ग के अलावा शहर की रातीतलाई, सुभाषनगर, बाहुबली कॉलोनी,हीराबाग कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड, अगरपुरा, सूर्या नगर आदि कॉलोनी में सडक़ों की भी दुर्दशा हो रही है। जिले के अन्य इलाकों में भी कई सडक़े बदतर हालत में हैं। लोगों ने कई बार प्रशासन एवं सम्बन्धित विभाग से समस्या रखी लेकिन कोई भी सुध लेने को तैयार नहीं है।