scriptफर्जी आवेदन पकडऩे का आधार ही नहीं , खुद अल्पसंख्यक मामलों के विभाग ने दी ‘लूट’ की छूट | No base of search the fake application, Department of Minority Affairs | Patrika News

फर्जी आवेदन पकडऩे का आधार ही नहीं , खुद अल्पसंख्यक मामलों के विभाग ने दी ‘लूट’ की छूट

locationबांसवाड़ाPublished: Feb 10, 2019 02:56:57 pm

Submitted by:

deendayal sharma

www.patrika.com/banswara-news
 

banswara

फर्जी आवेदन पकडऩे का आधार ही नहीं , खुद अल्पसंख्यक मामलों के विभाग ने दी ‘लूट’ की छूट

बांसवाड़ा/डूंगरपुर. केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की पोस्ट मैट्रिक-मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति योजना पर साइबर हमले के मामले में यह तथ्य भी सामने आया है कि विभाग ने ही आवेदन में ऐसी छूट दे दी कि उससे फर्जीवाड़े की राह आसान हो गई। पूर्व में यह प्रावधान था कि छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान विद्यार्थी को शैक्षिक-सहशैक्षिक सहित विभिन्न दस्तावेज भी अपलोड करने होते थे। ऐसे में विद्यार्थी एवं शिक्षण संस्थान से अग्रेषित होकर आने वाले आवेदन जिला कार्यालय के पोर्टल पर आने पर अधिकारी अनुपातिक या संदेहास्पद दिखने वाले आवेदनों की जांच संलग्न दस्तावेज के आधार पर कर लेते थे, लेकिन, 23 अगस्त 2016 को अल्पसंख्यक मामलात विभाग ने आदेश जारी कर 50 हजार तक की छात्रवृत्ति के लिए किसी भी प्रकार के दस्तावेज संलग्न करने की अनिवार्यता ही खत्म कर दी। ऐसे में विद्यार्थियों एवं कॉलेज से विभाग को मिलने वाले आवेदनों की जांच का कोई आधार ही नहीं रहा। ऑनलाइन आवेदन के कॉलम में केवल नाम, पता, वार्षिक आय एवं प्रतिशत भर देने मात्र से वह छात्रवृत्ति के लिए पात्र घोषित हो रहा हैं। आवेदन में दर्शाए जाने वाले प्रतिशत, आय, पता आदि के संबंध में भी कोई दस्तावेज संलग्न नहीं किए जा रहे हैं। इस छूट से गड़बड़ी की राह खुल गई। बताया गया कि अब पूर्व में स्वीकृत छात्रवृत्तियों के मामलों को भी खंगाला जा रहा हे।
यहां प्रक्रिया है अलग
अल्पसंख्यक मामलात विभाग केवल एक वर्ग विशेष को दो तरह की छात्रवृत्ति देता है, लेकिन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से बंटने वाली छात्रवृत्तियों की संख्या दर्जन भर से अधिक हैं। उन्होंने पोर्टल को भामाशाह से जोड़ रखा है। भामाशाह कार्ड केवल राजस्थान में बने हैं। ऐसे में गैर राजस्थानी विभाग की किसी भी योजना के लिए पहले ही चरण में अपात्र हो जाता है। इसके बाद भी आवेदन के साथ योजना की पात्रता से जुड़े समस्त दस्तावेज संलग्न करने की अनिवार्यता है। ऐसे में यहां गड़बड़ी की आशंका नहीं के बराबर होती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो