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बांसवाड़ा : बैण्ड वाला हो या हलवाई, सबको दिखती सिर्फ कमाई, ना बाल विवाह की चिंता ना कानून का खौफ

locationबांसवाड़ाPublished: Apr 18, 2018 11:28:24 am

Submitted by:

Ashish vajpayee

अक्षय तृतीया पर सावो की धूम

banswara
आशीष बाजपेई. बांसवाड़ा. आखा तीज पर आज सावों की धूम रहेगी। घरों में खुशियों का माहौल है तो बाजारों में धंधे को लेकर उत्साह का वातावरण है, लेकिन इस माहौल के बीच बाल विवाह को लेकर चिंता या भय का दर्शन कहीं नहीं हुआ। हां प्रशासनिक फरमानों की धज्जियां उड़ती जरूर दिखी। जो भी मिला उसने अपने धंधे की बात की, बाल विवाह की नहीं। फिर प्रशासन ने भी अपने निर्देशों की पालना की थाह पाने की जरूरत नहीं समझी। सभी अपने हाल में मस्त। ऐसा ही कुछ हाल पत्रिका टीम की ओर से मंगलवार को किए गए स्टिंग में सामने आया। पत्रिका टीम ने बैण्ड बाजे, हलवाई, प्रिंटिंग प्रेस संचालक से संपर्क किया और विवाह के लिए बातें की, लेकिन कहीं भी बाल विवाह चर्चा में नहीं आया। पेश है खास रिपोर्ट-
हलवाई ने भी नहीं ली उम्र की जानकारी
पत्रिका टीम जब शहर के एक हलवाई के पास गई तो वहां भी किसी ने उम्र संबंधी को जानकारी नहीं ली। किसी ने मेन्यू पूछा तो किसी ने कार्यक्रम की तारीख तो किसी ने स्थान। पर हलवाई ने उम्र संबंधी जानकारी नहीं ली।
जन्म प्रमाण पत्र की चर्चा तक नहीं
डेगली माता चौक स्थित बैंड वाले की दुकान पर पत्रिका टीम पहुंची तो बैंड संचालक ने शादी की दिनांक और स्थान की जानकारी ली। इसके बाद पूछने पर शुल्क बताया, जिस पर मोलभाव भी हुआ। बातचीत के बाद बैंड संचालक ने एडवांस की इच्छा भी जताई, लेकिन 10 से 12 मिनट तक चली इस चर्चा में बैंड संचालक ने न तो उम्र प्रमाण पत्र का जिक्र किया और न ही वर की उम्र संबंधी जानकारी ली।
छपे कार्ड पर जन्म तारीख नहीं
उक्त प्रेस पर एक व्यक्ति शादी के लिए छपवाए गए कार्ड लेने आया। इस कार्ड पर कहीं पर भी वर-वधू की उम्र संबंधी जानकारी अंकित नहीं थी। जबकि नियमों के अनुसार विवाह निमंत्रण पत्रिका में जन्म दिनांक अंकित करना आवश्यक है।
डिजाइन दिखाए, संख्या पूछी, रेट बताए
टीम चंद्रपोल गेट के पास स्थित एक प्रिटिंग प्रेस पहुंची, जहां प्रेस के संचालकों ने ढरों डिजाइन दिखाए, रेट बताए और सबकुछ तय कर लिया। लेकिन उम्र संबंधी जानकारी तक नहीं की। जबकि बाल विवाह की रोकथाम को देखते हुए शादी के कार्ड पर वर-वधू की उम्र अंकित करनी होती है।
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