नहीं रहा खरीदी का जोर
8 नवम्बर 2016 को 500 और 1000 के नोट बंद करने की घोषणा के बाद से पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में जमीन खरीदी का पंजीयन करने का काम बहुत कम हो गया। यही कारण है कि जहां 2016-17 में विभाग को 70 फीसदी लक्ष्य ही प्राप्त हुआ वहीं 2017-18 में करीब 40 से 45 फीसदी ही लक्ष्य प्राप्त हो सका है।
8 नवम्बर 2016 को 500 और 1000 के नोट बंद करने की घोषणा के बाद से पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में जमीन खरीदी का पंजीयन करने का काम बहुत कम हो गया। यही कारण है कि जहां 2016-17 में विभाग को 70 फीसदी लक्ष्य ही प्राप्त हुआ वहीं 2017-18 में करीब 40 से 45 फीसदी ही लक्ष्य प्राप्त हो सका है।
जिले को गत वित्तीय वर्ष के लिए 34 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन इसकी एवज में करीब 16 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हो सका है। इसके पीछे विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक यह तो खुलकर तो नहीं मानते की नोटबंदी के चलते ऐसा हो रहा है, लेकिन कहीं न कहीं इसका प्रभाव वह इस मायने में मानते हैं कि लोगों की क्रय शक्ति नोटबंदी के बाद बहुत कम रह गई है।
बेनामी सम्पति कानून का भी डर
दूसरी ओर केन्द्र सरकार की ओर से बेनामी सम्पति कानून लागू करने के बाद भी लोगों ने जमीन एवं मकानों का पंजीयन करना कम कर दिया है। सहायक रजिस्ट्रार माजीद मोहम्मद ने बताया कि कुछ समय से यह देखने में आ रहा है कि लोगों की क्रय शक्ति कम हुई है,। इस वर्ष भी लक्ष्य पूरे नहीं किए जा सके हैं।
दूसरी ओर केन्द्र सरकार की ओर से बेनामी सम्पति कानून लागू करने के बाद भी लोगों ने जमीन एवं मकानों का पंजीयन करना कम कर दिया है। सहायक रजिस्ट्रार माजीद मोहम्मद ने बताया कि कुछ समय से यह देखने में आ रहा है कि लोगों की क्रय शक्ति कम हुई है,। इस वर्ष भी लक्ष्य पूरे नहीं किए जा सके हैं।