बांसवाड़ा

बांसवाड़ा : गांव-गांव में दुकान खोलकर बैठ गए मुन्नाभाई, उपचार के नाम पर खूब कर रहे कमाई

छोटी सरवन पंचायत समिति क्षेत्र में चिकित्सा विभाग की अनदेखी

बांसवाड़ाJun 12, 2018 / 12:45 pm

Ashish vajpayee

उपचार के नाम पर जिंदगी से खिलवाड : बिना किसी डिग्री के बन बैठे डाक्टर, न नियमों का ज्ञान न कानून का डर

बांसवाड़ा/घोड़ी तेजपुर. किसी उत्पाद, संस्था के प्रचार के लिए होर्डिंग्स लगाना तो आमबात है, लेकिन जिले के छोटी सरवन ब्लॉक में नियमों के विरुद्ध कार्य करने वाले नीमहकीम भी प्रचार प्रसार के लिए बेखौफ होर्डिंग्स लगाकर और बेधडक़ उपचार कर चिकित्सा महकमे और प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे हैं। बड़े स्तर पर नीमहकीमों का जाल बिछा होने के बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
दवा तक ही सीमित नहीं
पैसों की लालच में ये नीम हकीम उपचार के नाम पर सिर्फ दवाएं ही नहीं दे रहे हैं, बल्कि मरीजों का माइनर ऑपरेशन तक करने से नहीं चूकते हैं। ग्लूकोज लगाना और ऑपरेशन करना सरीखे जटिल कार्य करने से ये कतई झिझकते नहीं हैं। सरेआम बिना चिकित्सकीय ज्ञान के ही मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हैं।
यह है कार्रवाई की प्रक्रिया
नीम हकीमों पर टीम का गठन कर इन पर कार्रवाई करनी होती है। इसमें चिकित्सक और विभाग के उच्चाधिकारी शामिल होते हैं। जो इस प्रकार की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए नीम हकीमों पर कार्रवाई करते हैं।
डिग्री न रजिस्ट्रेशन
कोई चिकित्सक यदि मरीज को उपचार के लिए दवा लिखता है तो उसकी पर्ची पर उसका नाम, डिग्री और राजस्थान मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण संख्या लिखना अनिवार्य होता है। ऐसा न करने वाले चिकित्सक पर कार्रवाई का प्रावधान है। वहीं नीम हकीमों ने दुकानों के बाहर बेधडक़ हो बोर्ड लगा रखे हैं। उन पर न डिग्री लिखी है। न ही रजिस्ट्रेशन नम्बर। इनके द्वारा मरीजों को लिखी गई दवा पर्ची पर नाम, डिग्री और पंजीकरण संख्या का उल्लेख नहीं है।
इनका कहना
नीम हकीमों पर कार्रवाई के लिए पूरी टीम का होना आवश्यक है। चिकित्सकों के साथ ड्रग इंस्पेक्टर का होना आवश्यक है। नीम हकीमों पर नकेल कसने के लिए जतन किए जा रहे हैं। जल्द ही ठोस कदम उठाएंगे।
डॉ. ओपी कुलदीप, सीएमएचओ, बांसवाड़ा
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