उन्होंने कहा कि एन्टोमोलोजिकल सर्विलेंस के दौरान हाउस इंडेक्स पांच से उपर होने पर एन्टी लार्वा और एन्टी एडल्ट गतिविधि करनी है। डॉ. शर्मा ने अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाने और गुंजाइश कम होने पर मच्छरदानी लगे एक या दो बैड अलग करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि स्लाइड लेने पर आशा को 15 रुपए और आमूल उपचार के लिए 75 रुपए देय है। डेंगू पॉजिटिव मिलने पर रोगी के घर के आसपास के 50 घरों में अनिवार्य रूप से सर्वे करना है।
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उन्होंने हाईरिस्क के लोगों के डेटा को लेकर कहा कि पीएचसी-सीएचसी के अलावा सब सेंटर पर भी क्षेत्र के हाईरिस्क लोगों का डेटा रहना चाहिए। कोविड का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि हाईरिस्क का डेटा उपलब्ध रहता तो कोविड़ में निगरानी के लिए परेशानी नहीं होती। इस दौरान डिप्टी सीएएमचओ डॉ दीपक निनामा, एडिशनल सीएमएचओ डॉ भरतराम मीणा, आरसीएचओ डॉ भगत तंबोलिया, डीटीओ डॉ पीके वर्मा, डिडीसी प्रभारी सहित सभी बीसीएमओ, सीएचसी प्रभारी मौजूद रहे।