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देहात के अस्पतालों में अब डेंगू वार्ड, हाईरिस्क लोगों का डेटा भी रखना होगा

locationबांसवाड़ाPublished: May 20, 2022 10:47:23 am

Submitted by:

Ashish vajpayee

अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा बुधवार को बांसवाड़ा के दौरे पर आए। उन्होंने सभी सीएचसी-पीएचसी पर अपने क्षेत्र के हाई रिस्क वाले लोगों का डेटा रखने के निर्देश दिए।

देहात के अस्पतालों में अब डेंगू वार्ड, हाईरिस्क लोगों का डेटा भी रखना होगा

देहात के अस्पतालों में अब डेंगू वार्ड, हाईरिस्क लोगों का डेटा भी रखना होगा

बांसवाड़ा. अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा बुधवार को बांसवाड़ा के दौरे पर आए। उन्होंने सभी सीएचसी-पीएचसी पर अपने क्षेत्र के हाई रिस्क वाले लोगों का डेटा रखने के निर्देश दिए। साथ ही यथासंभव सभी अस्पतालों में डेंगू वार्ड अलग से बनाने को कहा। डॉ. शर्मा ने स्वास्थ्य भवन में बैठक लेकर विभागीय विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान डेंगू लार्वा का सैंपल भी पीएचसी में रखने के निर्देश दिए, जिससे मरीज को लार्वा के बारे में पता चल सके।

उन्होंने कहा कि एन्टोमोलोजिकल सर्विलेंस के दौरान हाउस इंडेक्स पांच से उपर होने पर एन्टी लार्वा और एन्टी एडल्ट गतिविधि करनी है। डॉ. शर्मा ने अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाने और गुंजाइश कम होने पर मच्छरदानी लगे एक या दो बैड अलग करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि स्लाइड लेने पर आशा को 15 रुपए और आमूल उपचार के लिए 75 रुपए देय है। डेंगू पॉजिटिव मिलने पर रोगी के घर के आसपास के 50 घरों में अनिवार्य रूप से सर्वे करना है।

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उन्होंने हाईरिस्क के लोगों के डेटा को लेकर कहा कि पीएचसी-सीएचसी के अलावा सब सेंटर पर भी क्षेत्र के हाईरिस्क लोगों का डेटा रहना चाहिए। कोविड का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि हाईरिस्क का डेटा उपलब्ध रहता तो कोविड़ में निगरानी के लिए परेशानी नहीं होती। इस दौरान डिप्टी सीएएमचओ डॉ दीपक निनामा, एडिशनल सीएमएचओ डॉ भरतराम मीणा, आरसीएचओ डॉ भगत तंबोलिया, डीटीओ डॉ पीके वर्मा, डिडीसी प्रभारी सहित सभी बीसीएमओ, सीएचसी प्रभारी मौजूद रहे।

गर्भवती का एचआईवी टेस्ट अनिवार्य

बैठक में डॉ. शर्मा ने गर्भवती महिलाओं का प्रथम तिमाही में ही एचआईवी टेस्ट होना चाहिए। इससे पीएलएचआईवी पाए जाने पर बच्चे को दवाइयों से बचाया जा सकता है। उन्होंने टीबी मरीजों का भी एचआईवी टेस्ट करने के निर्देश दिए। इससे पहले एड्स नियंत्रण के उप निदेशक डॉ. आरके सोनी ने डूंगरपुर और बांसवाड़ा की स्थिति बताकर एचआईवी के आंकड़ों और कारणों पर प्रकाश डाला।
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