नंबर खुलने की दे रहे गारंटी
गुगल पर सट्टा मटका की बकायदा वेबसाइट बनी हुई है। इस पर जिले में खेल जाने वाले गेम कल्याण, मेन मुम्बई, राजधानी डे नाईट व मिलन डे नाईट में आने वाले आंकडों की ग्राहकों को जानकारी देने विज्ञापन जारी कर किए जा रहे हैं। इन विज्ञापनों को सोशल मीडिया पर भी वायरल किया जा रहा है। इसमें विज्ञापनदाता सटोरिए युवाओं को शत प्रतिशत आंकड़ा खुलने की गारंटी तक दे रहे हैं। इसके लिए बकायदा 5000 से 10 हजार रुपए तक की राशि बतौर फीस एडवांस भी ली जा रही है। लोग इस तरह के विज्ञापन देखकर शर्तिया लाभ मिलने के लालच में यह राशि देकर सट्टे के भंवर में उलझ रहे हैं।
गुगल पर सट्टा मटका की बकायदा वेबसाइट बनी हुई है। इस पर जिले में खेल जाने वाले गेम कल्याण, मेन मुम्बई, राजधानी डे नाईट व मिलन डे नाईट में आने वाले आंकडों की ग्राहकों को जानकारी देने विज्ञापन जारी कर किए जा रहे हैं। इन विज्ञापनों को सोशल मीडिया पर भी वायरल किया जा रहा है। इसमें विज्ञापनदाता सटोरिए युवाओं को शत प्रतिशत आंकड़ा खुलने की गारंटी तक दे रहे हैं। इसके लिए बकायदा 5000 से 10 हजार रुपए तक की राशि बतौर फीस एडवांस भी ली जा रही है। लोग इस तरह के विज्ञापन देखकर शर्तिया लाभ मिलने के लालच में यह राशि देकर सट्टे के भंवर में उलझ रहे हैं।
नहीं दिख रहा खौफ
जिले में सट्टे के नाम पर हर रोज लाखों रुपए दांव पर लग रहे हैं। पर्चियां काटने का काम अब ऑनलाइन होने लगा है। इस सब के बीच काले कारोबार से जुड़े लोगों में पुलिस का खौफ नहीं दिख रहा है। गाहेबगाहे होने वाली छुटपुट कार्रवाईयों से बड़े सटोरियों पर कोई असर नहीं पड़ता।
जिले में सट्टे के नाम पर हर रोज लाखों रुपए दांव पर लग रहे हैं। पर्चियां काटने का काम अब ऑनलाइन होने लगा है। इस सब के बीच काले कारोबार से जुड़े लोगों में पुलिस का खौफ नहीं दिख रहा है। गाहेबगाहे होने वाली छुटपुट कार्रवाईयों से बड़े सटोरियों पर कोई असर नहीं पड़ता।
राह भटकी बालिका को सहारा
डूंगरपुर. मुस्कान संस्थान की ओर से संचालित चाइल्डलाईन ने एक राह भटकी बालिका को सहारा दिया। चाइल्ड लाइन पर धावडी गांव में लगभग 15-16 वर्ष की बालिका के असहाय स्थिति में बैठी होने की सूचना पर मेहूल शर्मा एवं पूनम सोलंकी मौके पर पहुंचे। बालिका को केन्द्र पर लाए। काउन्सलिंग के दौरान बालिका ने अपना नाम सुकना पिता कमलाशंकर परमार गांव डाबेला होना बताया। बालिका को बालकल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति के निर्देश पर उसके आवास व भोजन की व्यवस्था की गई। बालिका के परिजनों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
डूंगरपुर. मुस्कान संस्थान की ओर से संचालित चाइल्डलाईन ने एक राह भटकी बालिका को सहारा दिया। चाइल्ड लाइन पर धावडी गांव में लगभग 15-16 वर्ष की बालिका के असहाय स्थिति में बैठी होने की सूचना पर मेहूल शर्मा एवं पूनम सोलंकी मौके पर पहुंचे। बालिका को केन्द्र पर लाए। काउन्सलिंग के दौरान बालिका ने अपना नाम सुकना पिता कमलाशंकर परमार गांव डाबेला होना बताया। बालिका को बालकल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति के निर्देश पर उसके आवास व भोजन की व्यवस्था की गई। बालिका के परिजनों के बारे में पता लगाया जा रहा है।