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बांसवाड़ा : ‘आदिवासी-अनपढ़ लोग हैं, इसका मतलब ये नहीं कि फायदा उठा लोगे’

locationबांसवाड़ाPublished: May 25, 2018 12:38:44 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

जनसुनवाई में गिनती के लोग ही पहुंचे, प्रशासन के सामने जताया रोष
 

banswara

बांसवाड़ा : ‘आदिवासी-अनपढ़ लोग हैं, इसका मतलब ये नहीं कि फायदा उठा लोगे’

बांसवाड़ा. छोटी सरवन. जिले में परमाणु बिजलीघर निर्माण के लिए राशि जारी करने के बाद गुरुवार को छोटी सरवन तहसील में जनसुनवाई कार्यक्रम हुआ। इसमें गिनती के लोग ही शामिल हुए। मौजूद लोगों में भी कई ने बिना सूचना के जनसुनवाई तय करने पर आपत्ति जताते हुए दोबारा तिथि तय करने की मांग की। सुनवाई के लिए करीब 10 हजार लोगों की व्यवस्था की गई थी, लेकिन गिनती के लोग ही पहुंचे। जनसुनवाई स्थल पर कुर्सियां खाली पड़ी रही। लोगों ने जनसुनवाई के समय को भी गलत बताया।
एडीएम से बहस, जताया रोष
जनसुनवाई स्थल पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर हिम्मत सिंह बारहठ को भी खरी-खोटी सुनाई। पूर्व मंत्री दलीचंद मईड़ा ने आरोप लगाया कि बिना एजेण्डे जनसुनवाई तय कर लोगों को गुमराह कर सहमति के नाम पर हस्ताक्षर कराए जा रहे है, जो गलत है। मईड़ा ने कहा कि आदिवासी-अनपढ़ लोग है इसका मतलब ये नही की आप फायदा उठा लोगे, ये बर्दाश्त नही होगा एवं इसका विरोध करेंगे। धीरजमल डिंडोर ने कहा कि माही माता मंदिर पर आयोजन होने से परमाणु बिजलीघर से प्रभावित होने वाले लोगों की तो उपस्थिति ही दर्ज नही हो पाई।
ऐसे में सुनवाई दोबारा 30 मई के बाद की जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट से महज चार-6 गांव ही प्रभावित नहीं होंगे, बल्कि आसपास के गांव भी शामिल है, ऐसे में उन गांवों के लोगों को भी सुनवाई में बुलाया जाए। ग्रामीण नाथूलाल ने जमीन के बदले जमीन व आवासीय कॉलोनी की बात रखी। मुकेश मईड़ा, हकरी, मगन आदि ने भीसमस्याएं रखी। इस दौरान मुआवजा नही मिलने, राशि देने के नाम पर वसूली करने के आरोप लगाते हुए भी रोष जताया।
ग्रामीण खफा, ये भी रखी बातें
ये आबादी क्षेत्र है। जहां सीधे-सीधे तीस से चालीस हजार लोग प्रभावित हो रहे है। परमाणु बिजली घर के पास के गांवों में सुरक्षा के इंतजाम भी किए जाए। जनसुनवाई कार्यक्रम का पर्याप्त प्रचार प्रसार किया जाए, ताकि लोग शामिल हो सकें। बिना एजेण्डे जनसुनवाई का कोई औचित्य ही नही हैं। साथ ही परमाणु बिजलीघर से पहले कॉलोनी बनाकर लोगों को राहत दी जाए। 21 सूत्री मांगें सरकार के नाम रखी थी, उनमें से महज एक मांग ही पूरी हुई है। शेष मांगें भी जल्द पूरी की जाए।
इनका कहना है
जनसुनवाई का समय तय किया था। इसके तहत यहां शिविर आयोजित किया गया। जनसुनवाई का कोई कोरम तय नही होता है। जितने लोगों को आपत्ति एवं जिज्ञासा हो वे शामिल होकर रख सकते है। धार्मिक आयोजन के चलते कुछ लोग शामिल नही हो सके। जो उपस्थित रहे, उन्होंने अपनी बात रखी है। लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। कुछ लोग स्वार्थ के चलते इसे असफल करने की कोशिश करते है।
हिम्मत सिंह बारहठ, अतिरिक्त जिला कलक्टर

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