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बांसवाड़ा : निजी पैथोलॉजी ने महिला की रिपोर्ट में बता दिया गलत ब्लड ग्रुप, अस्पताल कार्मिकों की सजगता से बची जान

locationबांसवाड़ाPublished: Feb 21, 2018 12:56:13 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

निजी लैब जांच के नाम पर कर रही जिन्दगी से खिलवाड़!

banswara news
बांसवाड़ा. शहर में संचालित एक निजी पैथेलॉजी लैब की ओर से एक महिला के रक्त की जांच में गलत रिपोर्ट थमा देने का मामला सामने आया है। उपचार के लिए महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचने और दोबारा रक्त जांच में ब्लड गु्रप अलग पाए जाने पर कार्मिक सकते में आ गए। दोबारा जांच में भी अलग ब्लड गु्रप ही निकला। कार्मिकों की सजगता से महिला का सही उपचार हो पाया।
ऐसे खुला मामला
घाटोल क्षेत्र की महिला हिरकी पत्नी प्रकाश पेट की किसी बीमारी का उपचार कराने सोमवार दोपहर अस्पताल पहुंची। जहां ऑपरेशन के लिए उसे भर्ती कर लिया गया। कलक्ट्री के समीप अनिल पैथोलॉजी की ब्लड रिपोर्ट के अनुसार महिला का ब्लड ‘एबी पॉजीटिव’ बताया गया। रिपोर्ट के आधार पर ही वार्ड कार्मिकों ने ब्लड बैंक में ‘एबी पॉजीटिव’ रक्त के लिए डिमांड भेज दी। लैब कार्मिक ने अस्पताल के वार्ड में पुन: निकाले गए सैंपल की जांच की तो महिला का रक्त ग्रुप ‘बी पॉजीटिव’ आया। दूसरा ब्लड ग्रुप आने पर कार्मिक ने वार्ड में जाकर महिला का रक्त लेकर पुन: जांच की। दोबारा जांच में भी महिला का ब्लड ग्रुप ‘बी पॉजीटिव’ निकला। जिससे स्पष्ट हुआ कि पैथोलॉजी से गलत रिपोर्ट जारी की गई है।
लैब में पैथोलॉजिस्ट भी नहीं
महिला के ब्लड ग्रुप की गलत रिपोर्ट देने वाली लैब में कोई पैथोलॉजिस्ट भी नहीं है। टेक्निीशियन के भरोसे लैब का संचालन किया जा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दे रखें है कि किसी भी लैब का संचालन पैथोलॉजिस्ट की देखरेख में ही किया जाना आवश्यक है।
गलती से हो गया होगा
किसी भी मरीज की रिपोर्ट को काफी सजगता से तैयार किया जाता है। इस रिपोर्ट में कैसे गलती हो गई। इस बाबत जानकारी नहीं है। आगे और भी सजगता बरतेंगे। पैथोलॉजिस्ट के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
मनीष उपाध्याय, संचालक, अनिल पैथोलॉजी
क्रॉस चेकिंग से बची जान
महिला हीरकी ने निजी लेबोरेट्री में ब्लड जांच करवाई थी। वहां से प्राप्त रिपोर्ट में ब्लड ग्रुप ‘एबी पॉजीटिव’ बताया गया। अस्पताल में दोबारा जांच की गई तो उसका ब्लड ग्रुप ‘बी पॉजीटिव’ निकला। निजी लैब के द्वारा गलत रिपोर्ट दी गई थी। लैब कार्मिकों की सजगता के कारण महिला को गंभीर खतरे से बचाया जा सका।
डॉ. धीरज खन्ना, पैथोलॉजिस्ट, महात्मा गांधी चिकित्सालय, बांसवाड़ा

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