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बांसवाड़ा : चलती सांसों का प्रमाण पत्र देने का दर्द, पेंशनर्स को प्रतिवर्ष एक से 30 नवम्बर तक करनी होती है कागजी कार्रवाई

locationबांसवाड़ाPublished: Nov 01, 2018 02:44:50 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

www.patrika.com/banswara-news

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बांसवाड़ा : चलती सांसों का प्रमाण पत्र देने का दर्द, पेंशनर्स को प्रतिवर्ष एक से 30 नवम्बर तक करनी होती है कागजी कार्रवाई

बांसवाड़ा. सेवानिवृत्ति के बाद चलती सांसों का प्रमाण देना। किसी बुजुर्ग के लिए ये पीड़ादायक ही है, लेकिन सरकारी प्रक्रियाओं के आगे वे बेबस हड्डै। हर साल नंबवर आया नहीं कि पेंशनर को प्रमाण पत्र पेश करना होता है कि वह जिंदा है। तब उसकी पेंशन आगे बनती है। अब शासन की मंशा पेंशन सुविधा का बेजा फायदा उठाने वालों पर नकेल कसने और हकदार को ही लाभ देने की हो, लेकिन पेंशनरों के लिए परेशानी का सबब ही है। जीवित होने का प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया को लेकर जब पत्रिका टीम ने बुजुर्गों से बात की तो उन्होंने कुछ इस तरह अपने विचार रखे। पेश है रिपोर्ट-
बदलाव आवश्यक है
पेशे से शिक्षक रहे मणिलाल जोशी प्रत्येक वर्ष प्रमाण पत्र देते हैं। इनसे जब इस बाबत बात की तो उन्होंने ने कुछ बदलाव की बात कही। और उनकी मंशा है कि एक वर्ष के नियम को दो वर्ष में तब्दील किया जाए। सिर्फ यही नहीं, उन्होंने आधुनिकता को बुजुर्गों के लिए टेढ़ी खीर बताया और उपयोग में दिक्कत होने की भी बात की। बागीदौरा निवासी पेंशनर कांतिलाल शर्मा का मानना है कि गांवों में पेंशनर्स को काफी परेशानी होती है। नियमों में सुधार हो तो सभी पेंशनर को राहत होगी क्योंकि गांवों में लोग दूरदराज से आते हैं।
नियम भी जरूरी
पेंशनर समाज जिला अध्यक्ष फजले हुसैन टी जेताजी का मानना है कि यह नियम पीड़ा दायक तो है लेकिन जरूरी भी है। ताकि किसी तरह के धोखे से बचा जा सके। क्योंकि पूर्व में कई ऐसे मालम आ चुके हैं जब लाभार्थी की मौत के बाद भी एकाउंट से पैसा उठता रहा है। इससे बचने के लिहाज से आवश्यक है। हालांकि बैंकों में बुजुर्गों की सहूलियत को लेकर प्रयास किए जाएं तो दिक्कतों से बचाया जा सकता है।
प्रमाण पत्र जमा कराने का आह्वान
पेंशनर समाज बांसवाड़ा शाखा की ओर से पेंशनर्स को उनके जीवित प्रमाण पत्र जमा कराने का आग्रह किया गया है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि प्रत्येक वर्ष नवम्बर की एक से 30 तारीख के बीच पेंशनर्स एवं फैमेली पेंशनर्स के लाभार्थी को प्रमाण पत्र जमा कराना होता है। फॉर्म पेंशन भवन और बैंक शाखाओं में उपलब्ध है। इसके लिए पीपीओ नंबर, बैंक पास बुक और आधार कार्ड आवश्यक है।
डिजीटल लाइफ सर्टिफिकेट की भी सुविधा
अध्यक्ष जेताजी ने बताया कि भौतिक प्रमाण पत्र के साथ ही डिजीटल लाइफ सर्टिफिकेट की भी सुविधा है। इस सुविधा का लाभ किसी भी ई – मित्र कियोस्क पर लिया जा सकता है। जहां बायोमैट्रिक डिवाइस पर अंगूठा या अंगुली लगाकर ऑनलाइन जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है।

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