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बांसवाड़ा @44 डिग्री : सूरज की तपिश ने झुलसाया, गर्म हवाओं ने अस्पताल पहुंचाया, डायरिया, उल्टी के शिकार हो रहे लोग

locationबांसवाड़ाPublished: Apr 29, 2018 11:39:24 am

Submitted by:

Ashish vajpayee

महात्मा गांधी अस्पताल में कई भर्ती

banswara
बांसवाड़ा. पारा 44 डिग्री पर पहुंच गया है और प्रचंड गर्मी ने जनजीवन पर कहर ढा रखा है। इसकी चपेट में हर वर्ग के लोग आ रहे हैं। उल्टी, दस्त, तापघात, सर्दी आदि बीमारियों के ढेरों मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।
हर वार्ड में मरीज
जिले के महात्मा गांधी अस्पताल के विभिन्न वार्डों में जहां उल्टी, दस्त, तापघात और सर्दी से पीडि़त मरीज भर्ती हैं और बड़ी संख्या में लोग ओपीडी में उपचार कराने के लिए पहुंच रहे हैं।
बच्चों को ज्यादा नुकसान
चिकित्सकों के अनुसार वैसे तो यह गर्मी और गर्म हवाएं हर आयु वर्ग के लोगों के लिए नुकसान दायक है, लेकिन बच्चों पर इसका असर तेजी से होता है क्योंकि बच्चे ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इसलिए माता-पिता को विशेष ध्यान देना चाहिए कि बच्चे धूप में न निकलें।
बांसवाड़ा में पारा एक और डूंगरपुर में दो डिग्री चढ़ा
डूंगरपुर. बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले में शनिवार को पारा एक से दो डिग्री चढ़ गया और इसके साथ ही झुलसा देने वाली गर्मी ने जनजीवन को बेहाल कर दिया। बांसवाड़ा में शुक्रवार को मौसम का सबसे गर्म दिन दर्ज होने के बाद शनिवार को पारा एक डिग्री सेल्सियस और चढकऱ 44 डिग्री हो गया।
डूंगरपुर में पारा दो डिग्री चढकऱ 45 डिग्री हो गया। इन हालत में सुबह से ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया और दोपहर में तो आसमां से जैसे आग ही बरस रही थी। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया और दोपहर में सडक़ों पर वीरानी छायी रही।
ऐसें करें बचाव
बेहद जरूरी हो तो ही दोपहर के समय बाहर निकलें। नहीं तो दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक घर में ही रहें।
जब भी घर से बाहर निकलें तो शरीर को अच्छे से ढंक लें।
गर्मी के दिनों में हल्के रंग के और हल्के कपड़े पहने।
खानपान में रखें ध्यान।
अधिक से अधिक पेय पदार्थ लें।
खाना हल्का खाएं।
खाली पेट घर से बाहर न निकलें।
नारियल पानी, फलों का जूस या तरबूज का सेवन नियमित करें।
शरीर में पानी की कमी न होनें दें।
रोज कच्चे प्याज का सेवन करें।
इनका कहना
गर्मी के दिनों बचाव बेहद जरूरी है। इससे तापघात, उल्टी-दस्त जैसी समस्याएं आम हैं। इसके अलावा ठंडे-गर्म से सर्दी का प्रकोप भी बढ़ जाता है। इसलिए पेय पदार्थ अधिक मात्रा में अवश्य लें और धूप से बचें।
डॉ. रंजन चरपोटा, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, शिशु रोग, महात्मा गांधी अस्पताल
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