हजारों अभ्यर्थियों के यहां पहुंचने से भीड़-भाड़ के हालात रहे। रोडवेज बसों से आवाजाही में भी अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। आगार प्रबंधन रवि कुमार मेहरा ने बताया कि परीक्षा के मद्देनजर 20 अतिरिक्त बसें लगाई गईं। इसमें उदयपुर मार्ग पर 15 और गढ़ी-परतापुर के लिए 8 बसें शामिल हैं। बावजूद कई अभ्यर्थी बस की खिडक़ी से चढ़े तो कई ने छत पर चढकऱ यात्रा की। परीक्षार्थियों में रोडवेज के द्वारा निशुल्क यात्रा को लेकर अफवाह जोरों पर रही। इससे कई बार परीक्षार्थियों और रोडवेज परिचालकों के बीच तनातनी की भी स्थिति बनी। वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए प्रबंधन की ओर से टिकट लेकर यात्रा करने की सूचना चस्पा की गई।
परीक्षा केन्द्र के आसपास पांच किलोमीटर में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं, लेकिन दूरस्थ क्षेत्रों में इसे बहाल रखा गया। शहर में सुबह करीब 9 बजे से शाम को 5:45 तक इंटरनेट बंद रहा। इस दौरान बेसिक व ब्रॉण्डबैण्ड सेवाएं जारी रहीं।
प्रश्नपत्र में जिले से जुड़े कुछ सवाल भी आए। इनमें दो के सही उत्तर बांसवाड़ा रहे। इसमें सर्वाधिक इमारती लकड़ी सागवान का सर्वाधिक उत्पादन और दूसरा प्रश्न मैंगनीज की उपलब्धता से जुड़ा था। प्रथम सत्र में उपस्थिति कम रही। उत्तर प्रदेश व बिहार के अभ्यर्थी पंजीकृत थे, लेकिन तेज बारिश व दूरी के चलते उनके यहां नहीं आना बताया जा रहा है। इसके बाद दूसरे चरण में निकटवर्ती जिलों के अभ्यर्थी पंजीकृत होने से सभी केन्द्रों पर भीड़ रही। प्रथम सत्र में 10032 में से 3197 तथा द्वितीय सत्र में 8118 अभ्यर्थी उपस्थित हुए।
परीक्षा देने आया एक अभ्यर्थी राउप्रावि डांगपाड़ा परिसर में सोया और उसने एक पत्र संस्थाप्रधान के नाम लिखकर कक्ष में डाल दिया। संस्थाप्रधान बृजमोहन द्विवेदी ने बताया कि सुबह विद्यालय पहुंचकर कक्ष खोला तो यह पत्र मिला। इसमें जयपुर मूल बिहार निवासी अभ्यर्थी प्रवीण कुमार ने लिखा था कि ‘हम आपको धन्यवाद कहना चाहते हैं कि हमने आपके प्रांगण में पूरी रात व्यतीत की। हमारी कोशिश रही कि आपके प्रांगण में किसी प्रकार का नुकसान नहीं करें। फिर भी इसमें प्रवेश किया, जिसके लिए माफी मांगते हैं। हम जयपुर से पुलिस की परीक्षा देने आए हैं और यहां की खूबसूरत यादों को लेकर जाएंगे। आपका विद्यालय बहुत खूबसूरत है। मैंने पूरी रात यहां अकेले व्यतीत की, जो मेरे जीवन की खूबसूरत यादों का एक हिस्सा रहेंगे। हमें अपना शिष्य ही समझना। धन्यवाद।’
शहर के मुस्लिम समाज के वरिष्ठ नागरिकों ने सद्भाव की मिसाल पेश की। कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के तहत परीक्षार्थियों के ठहरने की व्यवस्था नहीं होने की जानकारी पर समुदायजनों ने व्यक्तिगत संपर्क कर अभ्यर्थियों के ठहरने की व्यवस्था की। यह व्यवस्था कालीकल्याध धाम मंदिर के पास हुसैनी चौक स्थित मोहम्मदी जमातखाने में की। यहां उनके खाने-पीने और बिस्तर की व्यवस्था भी की। इस दौरान पार्षद तुफैल एहमद सिंधी, हाजी नवाब खान सिलावट, सेवानिवृत्त उप निरीक्षक सईद खान, हाजी फय्याज मकरानी, अमजद खान, नाजीर मंसूरी आदि ने सहयोग किया।