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बांसवाड़ा की सडक़ों पर निकले विनायक, गुलाल की जगह धूल और फूल की जगह गड्ढों से हुआ स्वागत, जिम्मेदार बेपरवाह

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 13, 2018 02:17:18 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

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बांसवाड़ा की सडक़ों पर निकले विनायक, गुलाल की जगह धूल और फूल की जगह गड्ढों से हुआ स्वागत, जिम्मेदार बेपरवाह

बांसवाड़ा के प्रशासन की हिम्मत को तो देखो। जिस विघ्रहर्ता के दरबार में हजारों लोग स्तुति करने को बेताब हैं। स्वागत में पाण्डाल सजे हैं। भक्तों ने लाडू का भोग और मिष्ठान व अनुष्ठान की तैयारी है। पर, प्रशासन को कोई चिंता नहीं। जिन मार्गों से गणपति को भक्त अपने गांव, गली मोहल्ले और घर ले जा रहे हैं और दस दिन बाद जुलूस के रूप में विसर्जन होगा। वे मार्ग ऐसे हैं कि गणपति की सवारी भी हिचकोले खाने को मजबूर है। गुलाल की जगह उनका स्वागत धूल ने पहले ही कर दिया है और चरणों में फूल की जगह नुकीले कंकड़ हंै। गणपति तो विघ्रहर्ता हैं सो वे तो अपने स्थापना स्थल पर पहुंच गए, लेकिन नौकरशाही कितनी संवेदनहीन है कि उसे लम्बोदर की भी चिंता नहीं। सडक़ों को यूं ही रख छोड़ा है। अरे जिम्मेदारों भगवान से तो डरो। भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। फोटो: संजय सिंह कुशवाह
स्थापना को लेकर चार मुहूर्त अति उत्तम
बांसवाड़ा. गणेश चतुर्थी पर्व को लेकर एक दिन पूर्व शहर बल्कि पूरे जिले के बाजारों में गणेश प्रतिमा खरीदने को लेकर मूर्ति प्रतिष्ठानों में खासी चहल-पहल रही। जानकारों के अनुसार गणपति की स्थापना को लेकर गुरुवार को चार मुहूर्त अतिउत्तम हैं। लेकिन स्थापना सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच कभी भी की जा सकती है। स्थापना मुहूर्त को लेकर त्र्यम्बकेश्वर महादेव मंदिर पुजारी पं. हरीश शर्मा ने बताया कि सुबह 6 से साढ़े सात बजे तक, दोपहर 12 से डेढ़ बजे तक, डेढ बजे से साढ़े तीन बजे तक और शाम को साढ़े चार बजे से शाम 6 बजे तक विशेष मुहूर्त है, जिसमें प्रतिमा की स्थापना विशेष फलदायी रहेगी।
मंदिरों में तैयारियां पूरी
पर्व को लेकर मंदिरों में भी तैयारियां पूरी हो चुकी है। शहर के प्रसिद्व श्री सिद्वि विनायक गणपति मंदिर को आकर्षक सजाया गया है। श्रीमद् भागवत समिति के अध्यक्ष रवीन्द्रलाल मेहता ने बताया कि इस दौरान मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा को लेकर भी विशेष प्रयास किए गए हैं। श्री गणेश भक्त मण्डल के अध्यक्ष डॉ. दीपक द्विवेदी ने बताया कि सुबह गणेश महापूजा होगी। जन्म की महाआरती दोपहर 12.00 बजे तथा रात्रि में मेला भरेगा। बुधवार को शहर की सभी दुकानों में चहलपहल नजर आई। गणपति प्रतिमा खरीदने को लेकर सुबह से शाम तक बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक दुकानों में चहलकदमी करते नजर आए।
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