राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय शिलाभीत में औचक निरीक्षण में किचन शेड के पास गंदगी का अंबार, जली और कच्ची रोटियों देखने को मिली। सिर्फ इतना ही नहंी बच्चों को परोसी जाने वाली दाल पानी सरीखी मिली। जली हुई रोटी को देखकर प्रधान प्रज्ञा और विकास अधिकारी पप्पूराम यादव ने फटकार लगाई। दोनों ने रोटी व दाल चखी भी।
इसके बाद प्रधान और बीडीओ ने स्टोर रूम का निरीक्षण किया। वहां ड्रमों में रखे अनाज को देखा। जहां चावल व गेंहू में इल्हड व कीड़े नजर आए। मसोटिया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी चावल में कीड़े पाए गए और तलवाड़ा कस्बे में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय खटवाड़ा में गेंहू व चावल की सफाई न होना पाया गया। इस पर स्टाफ ने बताया कि एक दिन पहले ही अनाज आया, इसलिए सफाई नहीं हो पाई। मसोटिया विद्यालय के स्टोर रूम में भी गंदगी का अंबार देखने को मिला। इस पर प्रधान ने साफ-सफाई रखने की हिदायत दी।
क्षेत्र आंगनवाड़ी केंद्रों में तो विद्यालयों ने भी ज्यादा हालत खराब मिली। यहां तो सरकारी कार्मिक सीधे तौर पर सफेद झूठ पर उतर आए। दरअसल, हुआ यों कि निरीक्षण के तहत प्रधान और बीडीओ ने तलवाड़ा क स्बे की खटवाड़ा आंगनवाड़ी जब औचक निरीक्षण किया तो पोषाहर स्टोर रूम बिल्कुल खाली मिला। और जानकारी मिली कि 45 बच्चे बिना खाए ही लौट गए। इस पर प्रधान प्रज्ञा ने क्षेत्र की सुपरवाइजर रागिनी से फोन पर बात की और खाटवाड़ा आंगनवाड़ी में पोषाहार खिलाने की बात पूछी तो उन्होंने प्रधान को बतायाकि बच्चों को पोषाहार में खिचड़ी खिला दी गई है।
सुपरवाइजर के सफेद झूठ पर प्रधान ने पूछा कि जब स्टोर में सामान ही नहीं बच्चों को खिचड़ी कहां से खिलाई इस पर सुपरवाइजर निरुत्तर हो गईं। प्रधान ने कहा कि बुधवार को खिचडी व हलवा खिलाना था लेकिन पोषाहर उपलब्ध नहीं होने पर आपने क्या खिलाया होगा झूठ क्यो ंबोल रहे है। साथ ही पूछा कि जब राशन नहीं पहुंचा है तो गुरुवार को पोषाहार कैसे खिलाया जाएगा। इसके बाद प्रधान और बीडीओ ने शिलाभीत आंगनवाड़ी में निरीक्षण किया। जहां खिचड़ी के बजाए बच्चों को पीले चावल खिलाए जा रहे थे और मेन्यू से हलवा नदारद था।