इनके अलावा आंकड़ा जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे कि अस्सी हजार से ज्यादा उपभोक्ता निगम का 66 करोड़ रुपए दबाए बैठे हैं। सरकारी महकमों में सबसे ज्यादा बाकियात नगर परिषद की है। परिषद से निगम 1 करोड़ 34 लाख 24 हजार रुपए मांग रहा है। वहीं जिला परिषद एवं कलक्ट्री पर 2.96 लाख, पीएचईडी पर 27 लाख 35 हजार, जनता जल योजना के 6.24 लाख, केन्द्र सरकार के विभागों पर 1.25 लाख, सरपंचों पर 8.30 लाख, पुलिस महकमे पर 2.46 लाख और शिक्षा, स्वास्थ्य एवं विभिन्न विद्यालयों पर 19.62 लाख रुपए बकाया चल रहा है।
विद्युत कनेक्शन काटने पर जोर चालू वित्तीय वर्ष प्रारम्भ होने के बाद से जिले में करीब 4 लाख से अधिक विद्युत उपभोक्ताओं में से 80 हजार 128 विद्युत उपभोक्ताओं ने लम्बे समय से बिल जमा नहीं कराया है।इनमें पांच हजार से कम विद्युत बिल राशि वाले उपभोक्ताओं की संख्या 70 फीसदी से अधिक है। अब वित्तीय वर्ष समाप्ति में केवल दो माह शेष रहे हैं तो निगम में हायतौबा मची हुई है। वित्तीय वर्ष समाप्ति से पहले यदि शतप्रतिशत वसूली नहीं हुई तो संबंधित कर्मचारियों को विभागीय कार्रवाई का डर भी सता रहा है। ऐसे में कर्मचारी बिजली कनेक् शन काटने की कार्रवाई तक कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा वसूली हो जाए, लेकिन इसमें उनके साथ मारपीट की एक दो घटनाएं भी हो गई है।
वसूली के हैं सख्त निर्देश वित्तीय वर्ष समाप्ति से पूर्व शत प्रतिशत वसूली के लिए सभी कार्मिकों को सख्ती से पाबन्द किया हुआ है। पहले उपभोक्ताओं को समझाने का प्रयास करते हैं और इसके बावजूद जो बिल नहीं भर रहा उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए विद्युत कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी तेज कर दी है।
जी के पारीख, अधीक्षण अभियन्ता, अजमेर विद्युत वितरण निगम।
जी के पारीख, अधीक्षण अभियन्ता, अजमेर विद्युत वितरण निगम।