यह बोले गहलोत
मेवाड़- वागड़ की धरती संत गोविन्द गुरु, कालीबाई, हरिदेव जोशी, भोगीलाल पण्ड्या, मावजी महाराज, भीखा भाई की धरा है। इंदिरा गांधी के समय से आदिवासियों ने उनका साथ दिया। कांग्रेस का प्रधानमंत्री बनते ही वह आदिवासी क्षेत्र के लिए जाते हैं। आज देश में जो हालात हैं राहुल गांधी चाहते हैंं कि इमसें बदलाव हो। राजनीति विचारधारा की लड़ाई होती है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा आदिवासी का ख्याल रखा है। दो बार मुझे सीएम बनाने का सौभाग्य मिला। इंदिरा जी और राजीव जी से हमने सीखा है। यहां अकाल पडऩे पर कांग्रेस ने घर-घर गेहंू पहुंचाया।
मेवाड़- वागड़ की धरती संत गोविन्द गुरु, कालीबाई, हरिदेव जोशी, भोगीलाल पण्ड्या, मावजी महाराज, भीखा भाई की धरा है। इंदिरा गांधी के समय से आदिवासियों ने उनका साथ दिया। कांग्रेस का प्रधानमंत्री बनते ही वह आदिवासी क्षेत्र के लिए जाते हैं। आज देश में जो हालात हैं राहुल गांधी चाहते हैंं कि इमसें बदलाव हो। राजनीति विचारधारा की लड़ाई होती है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा आदिवासी का ख्याल रखा है। दो बार मुझे सीएम बनाने का सौभाग्य मिला। इंदिरा जी और राजीव जी से हमने सीखा है। यहां अकाल पडऩे पर कांग्रेस ने घर-घर गेहंू पहुंचाया।
अगर मैं आदिवासियों में जनता की भूख मिटा सकंू तो यह गर्व होगा। हमारी सरकार ने एक आदमी को भी भूखा नहीं सोने की सोच रखी। राहुल जी यहां आते हुए मुझे रास्ते में पूछ रहे थे कि यहां रेल लाइन आनी थी उसका क्या हुआ। कांग्रेस मानती है कि आदिवासियों के लिए रेल लाना जरूरी है। रेल आइगी। बिजलीघर लगेंगे। सभी को रोजगार मिलेगा। पर, भाजपा सरकार ने योजना ही ठप कर दी। सोनिया और मनमोहन जी ने जो काम किया वो ही हुए बाकी विकास ठप। हमारा प्रयास रहा है कि आदिवासी का विकास हो।