इधर, संभाग के सबसे बड़े माही बांध में पानी की आवक बनी रही। सुबह आठ बजे बांध में एक लाख 15 हजार 569 क्यूसेक की रफ्तार की आवक हो रही थी, लेकिन दिन में आवक में कुछ कमी हुई। रात्रि दस बजे तक 69985 क्यूसेक प्रति सैकण्ड की रफ्तार की पानी आ रहा था। बांध के सभी 16 गेट खुले थे। इसमें 14 गेट एक़ मीटर और दो गेट आधा-आधा मीटर खोलकर 88005 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी। इधर, सुरवानिया के दो और कागदी के गेट भी खुले हुए हैं।
दो दिन हुई मूसलाधार बारिश से जिले में कई बांध-तालाब ओवरफ्लो हो गए। जिले में कलिंजरा, पाणदा, सोनारिया, गोपालपुरा, वगेरी, गोयकाप्रसाद, छोटी टाण्डी, हिम्मतगढ़ी, फूटन, देलवाड़ा, बीयापाड़ा, मेमखोर, पीपलोन, बोरीवानगढ़ी, बख्तोड़, कालीघाटी, नवाखेड़ा और मेल तालाब ओवरफ्लो चल रहे हैं। इन पर पांच से लेकर 20 सेमी की चादर चल रही है।
गनोड़ा. लगातार बरसात एवं माहीडेम के गेट खोले जाने के बाद मंगलवार रात्रि में एक बार फि र बेणेश्वर धाम टापू में तब्दील हो गया। धाम पर पहुंचने वाले तीनों पुलों पर भारी मात्रा में पानी बहने से आवाजाही पूरी तरह ठप रही। बेणेश्वर पुलिस चौकी प्रभारी गजराजसिंह ने बताया कि बेणेश्वर में व्यापारी, पुजारी सहित करीब 35 लोग अंदर फं से हुए हैं। उक्त लोग सुबह घाट पर नहाते हुए दिखे। गौरतलब है कि इस मानसून सीजन में बेणेश्वर धाम छठी बार टापू में तब्दील हुआ है।
पालोदा. लसाड़ा माही पुल में दो दिन से पानी की आवक बढऩे से लोग इसे देखने उमड़ रहे हैं। कुछ दूरी पर बने एनिकट से झरने भी बह रहे हंै। संभाग के सबसे बड़े माही बांध में पानी की आवक से 16 गेट खोले जाने के बाद पालोदा उदयपुर मार्ग पर माही नदी में भी पानी बढ़ा है। वही लसाड़ा एनिकट भी मनमोहक बन गया। मंगलवार अलसुबह पानी माही पुल के निचले भाग को छूता नजर आया, हालांकि बाद में यह कम होता गया। बहाव को देखने सैकड़ों लोग माही पुल पर जुटे।