1. घोषणा: माही बांध के दांयी ओर से 265 किलोमीटर लंबी हाईलेवल केनाल नागलिया पिकअप वियर से होती हुई वरदा तक बनाई जाएगी। जाखम बांध के 28 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। जाखम बांध का 5 टीएमसी पानी बचेगा। प्रतापगढ़, डूंगरपुर एवं उदयपुर जिलों में 17 हजार हैक्टेयर नए क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का सृजन होगा। करीब 2200 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
मौजूदा स्थिति: इसमें पीपलखूंट तक 40 किमी की प्रथम चरण में स्वीकृति मिली। इसके बाद नागलिया तक के लिए राशि पीएचईडी को देनी है, क्योंकि जाखम का पानी उन्हें चाहिए। इसके लिए विभागीय स्तर पर पत्र व्यवहार चल रहा है। ऐसे में हजारों हैक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने में वर्षों लगेंगे।
मौजूदा स्थिति: बांध बनाए जाने की घोषणा के अगले दिन से ही कांगे्रस ने व्यापक विरोध शुरू किया। हजारों लोगों के विस्थापन को लेकर लोग भी आक्रोशित हुए। सरकार बचाव की मुद्रा में आई। आनन-फानन में मंत्रियों को गांवों में दौड़ाया और फीडबैक लेने के बाद बांध निर्माण की घोषणा का कदम वापस खींचा।
मौजूदा स्थिति: तीन बार सर्वे हो चुका है। इसकी डीपीआर नहीं बनी है। घोषणा कब तक पूरी हो सकेगी, इसे लेकर संशय है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार जिले में माही बांध से 80 हजार हैक्टेयर में सिंचाई की जा सकती है। इससे अधिक नियमानुसार सिंचाई नहीं हो सकती।
मौजूदा स्थिति: महात्मा गांधी चिकित्सालय में ऐसे किसी भी संयंत्र की स्थापना नहीं हुई। जिला मुख्यालय पर हो रही बिजली कटौती से चिकित्सालय भी प्रभावित हो रहा है।
मौजूदा स्थिति: जिले में योजना का क्रियान्वयन 2 जुलाई 2018 से हुआ। इसके बाद कुछ समय तक योजना के तहत राशि मिली, लेकिन विगत कुछ समय से सरकार की ओर से बजट नहीं मिल रहा है।
मौजूदा स्थिति: बजट घोषणा के करीब डेढ़ वर्ष तक कोई पहल नहीं हुई है। नगर परिषद ने कलक्ट्री परिसर में दांडी मार्च स्टेच्यू के समीप स्थान प्रस्तावित किया है। स्मारक को लेकर विशेषज्ञों की राय भी मांगी है।
मौजूदा स्थिति: पिछले वर्ष फरवरी में घोषणा के बाद पहला चरण शुरू हुआ। दूसरे चरण का कार्य कब प्रारम्भ होगा, यह कोई बताने को तैयार नहीं है।
गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय में अध्ययनरत जनजाति छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पृथक-पृथक छात्रावास का निर्माण। आठ करोड़ रुपए का व्यय संभावित।
मौजूदा स्थिति: जिला मुख्यालय से माहीडेम मार्ग पर जीजीटीयू को आवंटित भूमि के समीप ही छात्रावासों का निर्माण कार्य चल रहा है।
मौजूदा स्थिति: माही के बैकवाटर में चाचाकोटा व आसपास के क्षेत्र में कार्य। पहुंच सडक़ का निर्माण। अन्य कार्य प्रशासन के निर्देशन में होंगे।
मौजूदा स्थिति: बटालियन की स्थापना हो चुकी है। भवन सहित अन्य कार्य शेष हैं।
मौजूदा स्थिति: कार्य पूर्ण