करीब 11 बजे रावत के समर्थक दुपहिया वाहनों पर भाजपा कार्यालय पहुंचे। उन्होने यहां रावत के समर्थन में जमकर नारेबाजी कर प्रत्याशी बदलने की मांग की। इसके बाद समर्थक नारेबाजी करते हुए जिलाध्यक्ष मनोहर त्रिवेदी के कमरे में आ गए। यहां मंडल अध्यक्ष रणछोड़ सोलंकी सहित अन्य ने कहा कि वह आज से भाजपा छोड़ रहे हैं। बांसवाड़ा ग्रामीण, आंबापुरा और छोटी सरवन मंडल की पूरी कार्यकारिणी, शक्ति केंद्र प्रभारी आदि भी अपना त्यागपत्र दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व अपना निर्णय बदले, अन्यथा रावत को निर्दलीय चुनाव लड़ाएंगे और संभाग में भी भाजपा को जीतने नहीं देंगे। कटारिया को जिले में घुसने नहीं देंगे।
इसके बाद जिलाध्यक्ष त्रिवेदी ने कक्ष से बाहर आकर कार्यकर्ताओं से समझाइश की और उनकी भावना को आलाकमान तक पहुंचाने का आश्वासन दिया, लेकिन कार्यकर्ता नहीं माने। इसी दौरान पार्टी प्रत्याशी हकरू मईड़ा समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय पहुंच गए तो रावत के समर्थकों ने उनके सामने ही काफी देर तक नारेबाजी की, लेकिन मईड़ा अपने समर्थकों को शांत रहने और किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं करने की नसीहत देते रहे।
यह बोले जिलाध्यक्ष
प्रत्याशी घोषित होने के बाद कुछ कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। तीन मंडल के कार्यकर्ताओं ने त्यागपत्र दिया है। इस बारे में प्रदेश स्तर को अवगत कराएंगे। पार्टी निर्णय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के सवाल पर कहा कि कार्यकर्ताओं के साथ समझाइश करेंगे।
मनोहर त्रिवेदी, जिलाध्यक्ष भाजपा
राज्यमंत्री रावत ने कहा इधर, अपने निवास पर राज्यमंत्री रावत ने मीडियाकर्मियों के सवालों पर कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उनके हिसाब से निर्णय लिया है। मैं उस पर कुछ नहीं कहूंगा। मुझे मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, पार्टी नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। कार्यकर्ता अपनी बात कहता है। नेतृत्व ने जो निर्णय लिया है, ठीक है। कार्यकर्ता अपनी भावना व्यक्त कर रहे हैं, यह उनका तरीका है। मैंने किसी को भी इस्तीफा देने से मना किया था। निर्दलीय चुनाव लडऩे के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व जो तय करेगा, मैं उनके साथ हूं।