scriptबेदर्दी की हद : जन्म देने के बाद नवजात बच्ची को गोबर के ढेर में फेंका, शरीर पर कीड़ों के काटने से हुए जख्म, हालत गंभीर | Rajasthan Latest News : Newborn girl found unattended in Banswara | Patrika News

बेदर्दी की हद : जन्म देने के बाद नवजात बच्ची को गोबर के ढेर में फेंका, शरीर पर कीड़ों के काटने से हुए जख्म, हालत गंभीर

locationबांसवाड़ाPublished: Nov 12, 2019 10:03:22 am

Submitted by:

Varun Bhatt

Newborn baby found in garbage heap, Banswara crime news : जन्म के बाद ही बेदर्द हुए परिजन, जौलाना गांव की घटना, बच्ची अस्पताल में भर्ती

बेदर्दी की हद : जन्म देने के बाद नवजात बच्ची को गोबर के ढेर में फेंका, शरीर पर कीड़ों के काटने से हुए जख्म, हालत गंभीर

बेदर्दी की हद : जन्म देने के बाद नवजात बच्ची को गोबर के ढेर में फेंका, शरीर पर कीड़ों के काटने से हुए जख्म, हालत गंभीर


बांसवाड़ा/जौलाना. जिले के जौलाना गांव में सोमवार को किसी अज्ञात ने गोबर के ढेर में नवजात बच्ची को गोबर के ढेर में फै ंक दिया। उसके शरीर पर कीड़ों के काटने से जख्म भी हो गए। उसे देख कई लोग द्रवित हो गए। बाद में उसकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच की गई और फिर जिला चिकित्सालय के लिए रैफर कर दिया। जौलाना गांव के आदिवासी मोहल्ले में स्थित आबादी क्षेत्र में गोबर फैंकने के स्थान (उकले) पर नवजात बच्ची सोमवार दोपहर मिली। कुछ लोग वहां खड़े थे कि बच्ची के रोने की आवाज आई। वे उकले की ओर गए तो नवजात बच्ची को देख भौंचक रह गए। बाद में उसे मोहल्लेवासी जौलाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को एमजी अस्पताल रैफर किया। लोगों ने बताया कि रविवार रात से बच्ची की रोने की आवाज आ रही थी। मोहल्ले के दो घरों में प्रसव होने के कारण स्थानीय लोगों ने ध्यान नहीं दिया। सीएचसी पर 108 व 104 वाहन सुविधा का अभाव होने पर गांव के राहुल शाह ने पुलिसकर्मी राकेशचंद्र भट्ट, नारायणलाल के साथ निजी वाहन से बच्ची को एमजी चिकित्सालय पहुंचाया ताकि उसे बेहतर उपचार मिल सके।
अगले 24 घंटे गंभीर, बिना कपड़ों के औंधे मुंह पड़ी थी बच्ची : – शिशु रोग विशेषज्ञ डा. प्रद्युमन शाह ने बताया कि बच्ची को गोबर में रखने के कारण उसे संक्रमण काफी है। कीड़ों ने भी शरीर में काटा है। फिलहाल उसे विशेष देखरेख में रखा है। अलगे 24 घंटे बच्ची के लिए काफी गंभीर है। 24 घंटे के भीतर ही बच्ची का जन्म हुआ है। उसका वजन भी महज डेढ़ किलो के आसपास है। ग्रामीणों ने बताया कि बच्ची के शरीर पर कपड़े भी नहीं थे। वह मौके पर औधें मुंह पड़ी थी। पूरे शरीर में गोबर लगा था और गोबर के कीड़े भी उसके शरीर पर चिपके हुए थे। कीड़ों के काटने से जगह से शरीर पर घाव हो गए थे। जौलाना क्षेत्र में दो माह में नवजात को फेंकने की घटना सामने आई है। गत अगस्त में माजिया गांव में बिना मुंडेर के कुएं में एक नवजात बच्ची को फेंकने से पानी में डूबने की घटना हुई थी।
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