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Video : बांसवाड़ा : काले कानून की वापसी पर पत्रिका बना करोड़ों राजस्थानियों की आवाज

काला कानून वापस लेने पर आमजन ने जताया हर्ष

बांसवाड़ाFeb 24, 2018 / 12:02 am

Ashish vajpayee

banswara news
बांसवाड़ा.अविश्वसनीय, अकल्पनीय, अद्वितीय और अद्भूत। आर्थिक युग में जब व्यक्ति एक-एक रुपए का फायदा देखता है और सत्ता से कुछ पाने की लालसा रखता है तब बिना कोई परवाह किए राजस्थान के करोड़ों लोगों की आवाज बनकर आम व्यक्ति के हित के लिए सत्ता से संघर्ष करना कोई मामूली काम नहीं है। वाकई ‘जब तक काला तब तक ताला ’ मुहिम इतिहास के पन्नों में दर्ज होगी। आने वाली पीढिय़ां इस मुहिम को याद करेंगी। ये विचार राजस्थान पत्रिका और लायन्स क्लब माही के तत्वावधान में शुक्रवार को हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित टॉक शो में शहरवासियों की जुबां से निकले।
पत्रिका आमजन की सशक्त आवाज
टॉक-शो की शुरुआत करते हुए युवक कांग्रेस लोकसभा अध्यक्ष नटवर तेली ने कहा कि यह राजस्थान पत्रिका ही है जो आमजन के हक के लिए हमेशा उनके साथ खड़ा रहता है। इसका ताजा उदाहरण ‘काला कानून’ को वापस लेने के लिए राज्य सरकार को बाध्य करना है। इसी तरह बीसीसीआई एवं नेमा समाज अध्यक्ष सुनील दोसी ने कहा कि जब-जब सत्ता ने आमजन की आवाज को दबाने का प्रयास किया तब-तब पत्रिका आम व्यक्ति की सशक्त आवाज बन कर सामने आया है।
काला कानून लागू होता तो जीना मुश्किल कर देता
मयूर मिल के पीआरओ मनोज शाह ने कहा कि यदि यह कानून लागू हो जाता तो राज्य में स्थितियां अत्यन्त भयावह हो जाती और भ्रष्ट अधिकारी सत्ता के साथ मिलकर आमजन का जीना मुश्किल कर देते।
लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि
मुकेश पाठक ने कहा कि लोकतन्त्र में जनता ही सर्वोपरि है और जनता की आवाज दबाने के लिए कोई कानून बनता है तो वह काला ही होगा। पत्रिका की मुहिम के बाद इसे वापस लेना लोकतन्त्र को बचाने में अहम योगदान है। कांग्रेस सेवादल प्रदेश सचिव अतीत गरासिया का कहना था कि यह सही मायनों में यह राजस्थान पत्रिका के पाठकों एवं आमजन की जीत है। इसे आने वाली पीढिय़ां याद करेंगी।
लोकतंत्र को जिंदा रखने का काम किया
बैंककर्मी रजनीश गुप्ता ने कहा कि व्यावसायिकता के युग में सच के लिए केवल राजस्थान पत्रिका जैसा ही अडिग खड़ा रह सकता है। संघर्ष के बाद सत्य की ही जीत होती है। यह ‘जब तक काला, तब तक ताला ’ मुहिम से सीखा जा सकता है। एडवोकेट भूपेन्द्र जैन ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए लाए गए कानून को वापस लेने तक की जिद ने लोकतन्त्र को जिंदा बनाए रखने का काम किया है।
इन्होंने भी रखे विचार
टॉक शो में लॉयन्स क्लब माही अध्यक्ष डा रक्षा सराफ, रोजी केडिय़ा, साधना गुप्ता, ललिता माहेश्वरी, नीलू चाण्डक, मनीषा गुप्ता, सुधा कौशल, दिलीप वागले, रमेशचन्द्र जोशी, बसंतलाल चौबीसा, रूपकिशोर बारवाल, नारायण तेली, रिछपालसिंह राठौड़, अशोक गुप्ता, देवेन्द्र त्यागी, अनूप त्रिपाठी, विजय कुमार यादव, राहुल सराफ, शैलेन्द्र सराफ, नरपतसिंह, राजेन्द्र कुलश्रेष्ठ, गमीरलाल सालवी, वैदही संस्थान अध्यक्ष संजय गुप्ता, सत्यनारायण राजोरा, सुनील मीणा, पार्षद सुरेश कलाल, प्रदीप मेहता ने विचार व्यक्त किए।
रंगोली बनी आकर्षण का केन्द्र
असत्य पर सत्य की जीत की खुशी में अंकुर स्कूल में कार्यरत आर्टिस्ट आशीष शर्मा ने आकर्षक तरीके से सत्यमेव जयते की रंगोली सजाकर लोगों की वाहवाही लूटी। उन्होंने रंगोली में काले कानून के माध्यम से मीडिया की आवाज को बंद करने की साजिश को दर्शाया।
जन्मोत्सव की खुशियां भी बांटी
मौका लोकतन्त्र को बचाने का उत्सव हो तो हर कोई इसमें भागीदारी निभाने से अपने आप को रोक नहीं पाया। यहां तक कि शुक्रवार को जन्म दिन पर घर में केक काटने की तैयारी थी, लेकिन जैसे ही राजस्थान पत्रिका की ओर से काले कानून को वापस लेने पर टॉक शो के आयोजन की जानकारी मिली तो मयूर मिल में पीआर अधिकारी पद पर कार्यरत मनोज शाह ने पहुंचे और सभी के साथ जन्मदिन का केक काट कर खुशी को दोगुना कर दिया।

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