scriptरोडवेज के सफर में हड़ताल का ब्रेक, बांसवाड़ा आगार को रोजाना 11 लाख की चपत, निजी बस संचालकों की चांदी | Rajasthan Roadways employees strike continues | Patrika News

रोडवेज के सफर में हड़ताल का ब्रेक, बांसवाड़ा आगार को रोजाना 11 लाख की चपत, निजी बस संचालकों की चांदी

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 19, 2018 01:23:23 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

www.patrika.com/banswara-news

banswara

रोडवेज के सफर में हड़ताल का ब्रेक, बांसवाड़ा आगार को रोजाना 11 लाख की चपत, निजी बस संचालकों की चांदी

बांसवाड़ा. रेलवे सेवाओं से वंचित जनजातीय क्षेत्र के बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर रोडवेज कर्मियों की हड़ताल का खसा असर देखने को मिलाा। सभी 78 बसों के चक्के दूसरे दिन भी जाम रहे। हड़ताल के चलते यात्रियों को साधनों के लिए भटकना पड़ रहा है और निजी वाीनों से यात्रा मे मनमाने दाम की चपत लग रही है। जहां राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम बासवाड़ा आगार को भी लाखों की चपत लग रही है। हड़ताल का असर है कि यात्री अपने गंतव्य पर पहुंचने के लिए साधनों के लिए घंटों तक इंतजार करने के बाद भी भटक रहे हैं। विशेषकर बच्चों तथा महिलाओं को ऐसे हालात में परेशानी अधिक हो रही है।
11 लाख की चपत
स्थानीय रोडवेज बस स्टैण्ड से आगार को रोजाना यात्रीभार से करीब 11 लाख रुपए का राजस्व मिल रहा था। रोडवेजकर्मियों की हड़ताल के बाद से उसे भारी भरकम राजस्व का नुकसान झेलना पड़ गया है। दो दिन में उसे 22 लाख रुपए की चपत लग गई है।
दौड़ती हैं 78 बसें
जिला मुख्यालय स्थित रोडवेज बस स्टैण्ड से 78 बसें दौड़ लगाती है। इन बसों का संचालन मुख्य मार्गों समेत जिले की कई सम्पर्क सडक़ों से कस्बों, उपखण्ड मुख्यालयों व अन्य जिलों तक होता है। हड़ताल के चलते रोडवेज की बसें दौड़ लगाने के बजाय बस स्टैण्ड व आगार कार्यालय में खड़ी देखी जा सकती है।
350 का है स्टाफ
जिला आगार के अधीन करीब 350 स्टाफकर्मी है। निगम सूत्रों के अनुसार दूसरे दिन इनमें से 50 प्रतिशत कार्मिक हड़ताल पर रहे। 45 चालकों तथा 27 परिचालकों आदि ने उपस्थिति दर्ज कराई। उपस्थित होने वाले कार्मिकों की हाजिरी यहां बस स्टैण्ड पर खोले गए नियंत्रण कक्ष पर ली जा रही है।
12 हजार यात्री भार
स्थानीय बस स्टैण्ड से संचालित होने वाली रोडवेज की 78 बसों पर रोजाना का 12 हजार का यात्रीभार रहता है। इन यात्रियों से करीब 10 से 11 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। अब यह यात्रीभार निजी वाहनों की ओर रुख किया हुआ है।
केवल सडक़ यातायात पर निर्भर
क्षेत्र रेलवे सेवा से वंचित होने के चलते यात्रियों को सडक़ यातायात पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय से करीब85 किमी दूर स्थित रतलाम रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकडऩे वाले भी प्रभावित हो रहे हैं। कई यात्रियों ने अपने गंतव्य को लेकर ट्रेनों में टिकट आरक्षित भी कराया हुआ है। एकाएक रोडवेज कार्मिकों की हड़ताल के चलते ऐसे यात्रियों को निजी बसों में दुगना किराया चुका टे्रनों तक पहुंचना पड़ रहा है।
बस स्टैण्ड पर सन्नाटा
हड़ताल के चलते रोडवेज बस स्टैण्ड परिसर में भी वीरानी छाई हुई है। परिसर में बसें खड़ी देख यात्री निजी वाहनों की ओर लौटते देखे जा सकते हैं।

लग रही है राजस्व की चपत
रोडवेज कर्मियों की हड़ताल से निगम को करीब 11 लाख रुपए रोजाना के राजस्व की चपत लग रही है। यात्रियों को भी परेशानी हो रही है। जो कार्मिक काम पर आ रहे हैं, उनकी हाजिरी के लिए नियंत्रण कक्ष खोल रखा है, जहां उनकी उपस्थिति दर्ज की जा रही है।
रवि कुमार मेहरा प्रबंधक आगार, बांसवाड़ा

ट्रेंडिंग वीडियो