स्थानीय रोडवेज बस स्टैण्ड से आगार को रोजाना यात्रीभार से करीब 11 लाख रुपए का राजस्व मिल रहा था। रोडवेजकर्मियों की हड़ताल के बाद से उसे भारी भरकम राजस्व का नुकसान झेलना पड़ गया है। दो दिन में उसे 22 लाख रुपए की चपत लग गई है।
जिला मुख्यालय स्थित रोडवेज बस स्टैण्ड से 78 बसें दौड़ लगाती है। इन बसों का संचालन मुख्य मार्गों समेत जिले की कई सम्पर्क सडक़ों से कस्बों, उपखण्ड मुख्यालयों व अन्य जिलों तक होता है। हड़ताल के चलते रोडवेज की बसें दौड़ लगाने के बजाय बस स्टैण्ड व आगार कार्यालय में खड़ी देखी जा सकती है।
जिला आगार के अधीन करीब 350 स्टाफकर्मी है। निगम सूत्रों के अनुसार दूसरे दिन इनमें से 50 प्रतिशत कार्मिक हड़ताल पर रहे। 45 चालकों तथा 27 परिचालकों आदि ने उपस्थिति दर्ज कराई। उपस्थित होने वाले कार्मिकों की हाजिरी यहां बस स्टैण्ड पर खोले गए नियंत्रण कक्ष पर ली जा रही है।
स्थानीय बस स्टैण्ड से संचालित होने वाली रोडवेज की 78 बसों पर रोजाना का 12 हजार का यात्रीभार रहता है। इन यात्रियों से करीब 10 से 11 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। अब यह यात्रीभार निजी वाहनों की ओर रुख किया हुआ है।
क्षेत्र रेलवे सेवा से वंचित होने के चलते यात्रियों को सडक़ यातायात पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय से करीब85 किमी दूर स्थित रतलाम रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकडऩे वाले भी प्रभावित हो रहे हैं। कई यात्रियों ने अपने गंतव्य को लेकर ट्रेनों में टिकट आरक्षित भी कराया हुआ है। एकाएक रोडवेज कार्मिकों की हड़ताल के चलते ऐसे यात्रियों को निजी बसों में दुगना किराया चुका टे्रनों तक पहुंचना पड़ रहा है।
हड़ताल के चलते रोडवेज बस स्टैण्ड परिसर में भी वीरानी छाई हुई है। परिसर में बसें खड़ी देख यात्री निजी वाहनों की ओर लौटते देखे जा सकते हैं। लग रही है राजस्व की चपत
रोडवेज कर्मियों की हड़ताल से निगम को करीब 11 लाख रुपए रोजाना के राजस्व की चपत लग रही है। यात्रियों को भी परेशानी हो रही है। जो कार्मिक काम पर आ रहे हैं, उनकी हाजिरी के लिए नियंत्रण कक्ष खोल रखा है, जहां उनकी उपस्थिति दर्ज की जा रही है।
रवि कुमार मेहरा प्रबंधक आगार, बांसवाड़ा