जोधपुर की रिटायर्ड महिला पुलिसकर्मी से गुजरात में बलात्कार! डूंगरपुर में दर्ज करवाया केस और… बच्ची जब रोने और चिल्लाने लगी तो आरोपी ने उसको डराया-धमकाया और उठाकर घर लेकर आया और महिला को सौंपकर चला गया। बच्ची जब घर पर रोने लगी तो उसकी मां ने उससे पूछताछ की तब बच्ची ने पूरा घटनाक्रम अपनी मां के समक्ष बता दिया, लेकिन बच्ची की तबीयत बिगड़ गई। इस पर महिला अपनी बेटी को एक निजी हॉस्पीटल में उपचार के लिए लेकर गई। बाद में पूरे घटनाक्रम की पुलिस को रिपोर्ट सौंपी। अनुसंधान के बाद आरोपी पड़ौली राठौड़ निवासी वीरेन्द्र पुत्र शंकर के खिलाफ पुलिस ने विशिष्ट न्यायालय लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में चालान पेश किया गया।
Video : 14 साल की मूक-बधिर बालिका बनी बिन ब्याही मां, मृत बच्ची को दिया जन्म, इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना इसके बाद न्यायालय ने प्रकरण में बहस, विभिन्न गवाहों एवं पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मोहम्मद आरिफ ने आरोपी वीरेन्द्र को दोषी मानते हुए उसे सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। विशिष्ट लोक अभियोजक जयपाल सिंह डाबी ने बताया कि आरोपी को धारा 363, 366 (क), 376 (2), (झ) एवं धारा 5 (ड) सपठित धारा 6 पोक्सो एक्ट में दोषी माना। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण में कुल दस गवाहों को न्यायालय में परीक्षित करवाया गया तथा 27 दस्तावेजी साक्ष्य द्वारा प्रकरण को संदेह से परे साबित किया गया।