scriptबांसवाड़ा से नाबालिग का अपहरण कर सूरत ले जाकर किया बलात्कार, आरोपी को 14 साल के कठोर कारावास की सजा | Rape In Rajasthan : 14 year rigorous imprisonment for rape accused | Patrika News

बांसवाड़ा से नाबालिग का अपहरण कर सूरत ले जाकर किया बलात्कार, आरोपी को 14 साल के कठोर कारावास की सजा

locationबांसवाड़ाPublished: Aug 31, 2019 12:50:21 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Rape In Rajasthan, Rape Accused In Banswara : तीन साल पुराना मामला, नाबालिग के अपहरण और बलात्कार के आरोपी को 14 साल का कठोर कारावास

बांसवाड़ा से नाबालिग का अपहरण कर सूरत ले जाकर किया बलात्कार, आरोपी को 14 साल के कठोर कारावास की सजा

बांसवाड़ा से नाबालिग का अपहरण कर सूरत ले जाकर किया बलात्कार, आरोपी को 14 साल के कठोर कारावास की सजा

बांसवाड़ा. विशिष्ट न्यायालय (पोक्सो एक्ट) बांसवाड़ा ने जिले के मोनाडूंगर से नाबालिग का अपहरण कर बलात्कार के तीन साल पुराने मामले में शुक्रवार को सुनाए निर्णय में एक आरोपी को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने प्रकरण के अभियुक्त जालिमपुरा निवासी शैलेष पुत्र वारजी गरासिया को 14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाने के साथ 14 हजार रुपए जुर्माना भी किया है।
यह था मामला
प्रकरण को लेकर गत 29 जुलाई, 2016 को एक युवक ने सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, बागीदौरा के समक्ष परिवाद पेश किया था। इसमें बताया कि वह पत्नी तथा बेटी के साथ अहमदाबाद में मजदूरी का कार्य करता था। 9 मई को उसने पत्नी एवं करीब 15 वर्षीय बेटी को घर जाने के लिए अहमदाबाद से बांसवाड़ा जाने वाली बस में बैठाया। रात करीब तीन बजे मां-बेटी मोनाडूंगर बस स्टैंड पर उतरे। इसके बाद दोनों शौच के लिए गईं। इसी बीच, वहां तेज गति के साथ एक जीप आई और उसमें सवार युवक उसकी बेटी को जबरन में जीप में बैठाकर फरार हो गया। अंधेरा होने की वजह से महिला आरोपियों को देख न सकी।
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सूरत ले जाकर पत्नी बनाकर रखा
घटनाक्रम के बाद पीडि़ता की मां जैसे-तैसे अपने घर पहुंची और परिजनों को जानकारी दी। बाद में अहमदाबाद में उसके पति को भी सूचना दी गई। 10 मई 2016 को परिजनों ने सल्लोपाट थाना पुलिस को बेटी के अपहरण की रिपोर्ट दी थी। काफी दिनों बाद परिजनों को पता लगा कि उनकी बेटी जालिमपुरा गांव में हैं। इस पर नाबालिग का पिता जालिमपुरा पहुंचा तो उसकी बेटी पिता को देखकर वापस आ गई। इसके बाद नाबालिग ने अपहरण एवं सूरत ले जाकर बलात्कार करने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि आरोपी शैलेष उसको पत्नी की हैसियत से रख रहा था। विरोध करने एवं शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसके चलते नाबालिग ने जानकारी किसी को नहीं दी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज किया।
यह सुनाई सजा
न्यायालय के पीठासीन अधिकारी मोहम्मद आरिफ ने पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद आरोपी को दोषी पाया और उसे लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 के तहत 14 साल की सजा और 14 हजार रुपए का जुर्माना सुनाया। साथ ही साथ ही अन्य धाराओं में भी कारावास और जुर्माने की सजा सुनाते हुए सभी सजाएं साथ-साथ भुगताने का आदेश दिया।
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