इससे पहले सुबह 11 बजे जिलेभर के राशन डीलर यहां उपाध्याय पार्क में जमा हुए। यहां आयोजित बैठक में डीलरों ने सरकार के विरोध में नारे लगाए। बैठक को वक्ताओं ने सरकार के रवैए को कोसा और कहा कि उनका कमीशन १२५ से घटाकर अब १०९ रुपए कर दिया गया है, जबकि सरकार कर्मचारियों के वेतन में भी महंगाई को देखते हुए लगातार इजाफा हुआ है। जिलाध्यक्ष लक्ष्मणलाल कलाल ने कहा कि दो साल से सरकार ने शक्कर, दाल, केरोसीन, खाद्य तेल का वितरण बंद कर दिया है। पोस मशीन सुविधा अब दुविधा बन चुकी है। कोरोनाकाल में लोग घरों में बंद रहे, तब राशन डीलर्स ने राशन पहुंचाने का काम किया। आज सरकार ने उनका मेहनताना रोक दिया है। इससे राज्य के 27 हजार राशन डीलर सरकार के खिलाफ हैं। उन्होंने सरकार से कमीशन ३०० रुपए प्रति क्विंटल करने सहित अन्य मांगें दोहराई और तय समयावधि में मांगे नहीं मानी जाने पर 18 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास के घेराव और फिर अगले दिन से जयपुर मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन का ऐलान किया। बाद में संगठन के प्रतिनिधि और साथी डीलर नारेबाजी करते हुए रैली के रूप में कलक्टरी गए। यहां कलक्टर उपलब्ध नहीं होने पर एसडीएम पीएच चुंडावत को मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
यह भी उठाईं मांगे कमीशन बढ़ाने के अलावा डिजिटल सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पोश मशीन में छीजत की व्यवस्था लागू करने, केंद्र सरकार की वाधवा आयोग कमेटी की सिफारिशें लागू करने, डीलर्स के लिए 60 वर्ष की बाध्यता को खत्म करने, मृतक आश्रित के लिए शैक्षणिक और अन्य योग्यता की अनिवार्यता समाप्त करने, दो संतान जैसे नियम लागू करने पर अब सरकारी कार्मिकों की तरह राशन डीलर को राज्यकर्मी का भी दर्जा देने, पोस मशीन के रखरखाव और रिप्लेसमेंट के नाम पर राशि कटौती खत्म करने, खाद्य सामग्री की लोडिंग-अनलोडिंग की राशि 6 रुपए से बढ़ाकर 10 रुपए तक करने की मांग की गई है।