जीका वायरस
जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। अगर इस मच्छर ने किसी संक्रमित व्यक्ति को काटा है और फिर वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो वह जीका से पीडि़त हो सकता है। प्रभावित इलाके में रहने और असुरक्षित शारीरिक संबंध भी संक्रमण का कारण बन सकता है। इस कारण प्रभावित इलाके में लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता रहती है। गर्भवती महिलाओं के शिशु को इसका अधिक खतरा रहता है। गर्भपात हो सकता है। शिशु के मष्तिष्क का आकार छोटा रह सकता है। मच्छर के काटने पर जीका वायरस व्यक्ति के शरीर में घुस कर स्वस्थ कोशिका को संक्रमित कर देता है। गर्भवती महिलाएं जीका वायरस से प्रभावित क्षेत्र में ना जाएं। जीका वायरस रक्तदान से भी यह फैलता है। ऐसे में रक्तदान से पहले पूरी जांच करवाएं। यह मच्छर सुबह और शाम के समय सक्रिय रहता है। रात को भी काट सकता है। जोड़ों में दर्द, लाल आंखें, जी मिचलाना या उल्टी, बेचैनी महसूस होना, थकान आदि होता है।
जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। अगर इस मच्छर ने किसी संक्रमित व्यक्ति को काटा है और फिर वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो वह जीका से पीडि़त हो सकता है। प्रभावित इलाके में रहने और असुरक्षित शारीरिक संबंध भी संक्रमण का कारण बन सकता है। इस कारण प्रभावित इलाके में लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता रहती है। गर्भवती महिलाओं के शिशु को इसका अधिक खतरा रहता है। गर्भपात हो सकता है। शिशु के मष्तिष्क का आकार छोटा रह सकता है। मच्छर के काटने पर जीका वायरस व्यक्ति के शरीर में घुस कर स्वस्थ कोशिका को संक्रमित कर देता है। गर्भवती महिलाएं जीका वायरस से प्रभावित क्षेत्र में ना जाएं। जीका वायरस रक्तदान से भी यह फैलता है। ऐसे में रक्तदान से पहले पूरी जांच करवाएं। यह मच्छर सुबह और शाम के समय सक्रिय रहता है। रात को भी काट सकता है। जोड़ों में दर्द, लाल आंखें, जी मिचलाना या उल्टी, बेचैनी महसूस होना, थकान आदि होता है।
डेंगू
डेंगू तीन तरह का होता है साधारण डेंगू बुखार, डेंगू हैमरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम। साधारण डेंगू ठीक हो जाता है पर दूसरे-तीसरे नंबर के डेंगू का तत्काल इलाज शुरू न हो तो जानलेवा हो सकता है। मच्छर के काटने के 3 से 10 दिन में लक्षण दिखने लगते हैं। सर्दी लगकर तेज बुखार आना, सिर-मांसपेशियां व जोड़े दुखना, आंखों का दुखना, कमजोरी आना, भूख नहीं लगना, खास तौर पर चेहरे-सीने व गर्दन पर लाल-गुलाबी रैशेज होना, बेचैनी होना। ठंडा पानी न पीएं। मैदा और बासी खाना न खाएं। हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग ज्यादा लें। हल्का-पाच्य खाना खाएं। तेज बुखार, जोड़ों में दर्द या शरीर पर रैशेज हों तो जांच कराएं। वाइट ब्लड सेल्स को टोटल और अलग-अलग काउंट करा लें।
डेंगू तीन तरह का होता है साधारण डेंगू बुखार, डेंगू हैमरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम। साधारण डेंगू ठीक हो जाता है पर दूसरे-तीसरे नंबर के डेंगू का तत्काल इलाज शुरू न हो तो जानलेवा हो सकता है। मच्छर के काटने के 3 से 10 दिन में लक्षण दिखने लगते हैं। सर्दी लगकर तेज बुखार आना, सिर-मांसपेशियां व जोड़े दुखना, आंखों का दुखना, कमजोरी आना, भूख नहीं लगना, खास तौर पर चेहरे-सीने व गर्दन पर लाल-गुलाबी रैशेज होना, बेचैनी होना। ठंडा पानी न पीएं। मैदा और बासी खाना न खाएं। हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग ज्यादा लें। हल्का-पाच्य खाना खाएं। तेज बुखार, जोड़ों में दर्द या शरीर पर रैशेज हों तो जांच कराएं। वाइट ब्लड सेल्स को टोटल और अलग-अलग काउंट करा लें।
चिकनगुनिया
इसके लक्षण कुछ-कुछ डेंगू जैसे होते हैं। अचानक बुखार आना, सिर में दर्द, उल्टी, मिचली, जोड़ों में दर्द, चकते आदि। ये लक्षण मच्छर के काटने के 1 से 12 दिन में दिखने लगते हैं। चिकनगुनिया की कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में डॉक्टर की दी हुई दवा ही लें। खुद से इलाज करने से बचें और कोई भी दवा न खाएं। लिक्विड डाइट लेना फायदेमंद रहता है। यह एक वायरल इंफेक्शन है। जिसमें खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पीडि़त व्यक्ति को गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए और फल, जूस आदि का सेवन अधिक करना चाहिए। साथ ही किसी भी वायरल में लिक्विड डाइट काफी फायदेमंद रहती है।
इसके लक्षण कुछ-कुछ डेंगू जैसे होते हैं। अचानक बुखार आना, सिर में दर्द, उल्टी, मिचली, जोड़ों में दर्द, चकते आदि। ये लक्षण मच्छर के काटने के 1 से 12 दिन में दिखने लगते हैं। चिकनगुनिया की कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में डॉक्टर की दी हुई दवा ही लें। खुद से इलाज करने से बचें और कोई भी दवा न खाएं। लिक्विड डाइट लेना फायदेमंद रहता है। यह एक वायरल इंफेक्शन है। जिसमें खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पीडि़त व्यक्ति को गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए और फल, जूस आदि का सेवन अधिक करना चाहिए। साथ ही किसी भी वायरल में लिक्विड डाइट काफी फायदेमंद रहती है।
मच्छरों से बचने के उपाय
घर या आसपास के क्षेत्र में पानी जमा नहीं होने दें। गमलों को साफ रखें। नालियां जाम नहीं होने दें। कूलर की रोज सफाई करें। पानी की टंकियां बंद रखें। पूरे शरीर को ढक कर रखें यानी पूरी आस्तीन की शर्ट, पैंट या अन्य कपड़े पहनें। एडीज इजिप्टाई और एडीज एल्बो पिक्टर मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में पनपते हैं।
घर या आसपास के क्षेत्र में पानी जमा नहीं होने दें। गमलों को साफ रखें। नालियां जाम नहीं होने दें। कूलर की रोज सफाई करें। पानी की टंकियां बंद रखें। पूरे शरीर को ढक कर रखें यानी पूरी आस्तीन की शर्ट, पैंट या अन्य कपड़े पहनें। एडीज इजिप्टाई और एडीज एल्बो पिक्टर मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में पनपते हैं।