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बांसवाड़ा : माही बांध की आवासीय कॉलोनी में एमबीसी के अस्थाई बसेरे के आसार, बेचैन हुए सेवानिवृत्त कार्मिकों के परिवार!

locationबांसवाड़ाPublished: Aug 03, 2019 11:40:46 am

Submitted by:

Varun Bhatt

Residential Colony Of Mahi : पुलिस विभाग ने जताई मंशा, विभाग सर्वे कर सूची तैयार करने में जुटा

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बांसवाड़ा : माही बांध की आवासीय कॉलोनी में एमबीसी के अस्थाई बसेरे के आसार, बेचैन हुए सेवानिवृत्त कार्मिकों के परिवार!

बांसवाड़ा. माहीडेम के निकट कटियोर में मेवाड़ भील कोर (एमबीसी) के लिए 119 बीघा भूमि आवंटन के साथ ही प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। इसी कवायद में माही परियोजना की आवासीय कॉलोनी में सेवानिवृत्त कार्मिकों के निवास पर सवाल उठाए गए हैं और माही परियोजना के अधिकारियों से आवासों को लेकर रिपोर्ट तलब की है। अभी तस्वीर साफ नहीं है कि वीरान आवास की मांग होगी या सेवानिवृत्त लोगों के परिवारों के आवास खाली होंगे लेकिन इससे निवासरत परिवारों की बेचैनी जरूर बढ़ गई है। माही विभाग कॉलोनी में कुल आवास, स्थिति और सेवारत व सेवानिवृत्त कार्मिकों के आवास के आधार पर सूची तैयार करने में जुटा है। सूत्रों के अनुसार डिमांड होने पर एमबीसी को माही के यह आवास मासिक किराये पर दिए जा सकते हैं। वर्तमान में यहां करीब 100 मकान आवासीय स्थिति में हैं, जिनमें लोग निवासरत हैं और विद्युत का मासिक बिल जारी किया जा रहा है।
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इस कारण बेचैनी
एमबीसी के लिए भवन खाली करवाने के लिए फिलहाल कॉलोनीवासियों को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। पर, अधिकारियों के दौरे के दौरान उठने वाली बातों और मकानों में निवासरत लोगों के सर्वे को लेकर उनकी नींद उड़ी हुई है। बांध निर्माण के साथ ही सेवारत कार्मिकों के लिए यहां आवास बनाए गए थे। सन 1974 से कई कार्मिक यहां विविध कॉलोनी में निवास करते आए हैं। कॉलोनीवासियों ने बताया कि माहीबांध से सेवानिवृत्त हो चुके कई तकनीकी कार्मिक यहां निवासरत हैं।
कई मकान खण्डर
कॉलोनी में कई मकान खण्डर हो चुके हैं। आवास खाली होने के साथ ही समाजकंटक दरवाजे-खिड़कियां निकाल ले गए। जिन मकानों में लोग रह रहे हैं वही ठीक स्थिति में हैं। इसमें भी माही की ओर से रिपेयरिंग वर्क बंद होने के कारण लोगों ने अपने स्तर पर ही विभिन्न इंतजाम कर रखे हैंं। वहीं माना जा रहा है कि एमबीसी इन आवासों का उपयोग यदि करती भी है तो यह अवधि अधिक नहीं होगी, क्योंकि आवंटित भूमि पर इनके लिए अलग से निर्माण किया जाएगा। ऐसे में कॉलोनीवासियों का कहना है कि जो मकान खण्डर हो रहे हैंं उन्हें रिपेयर कर एमबीसी को दिए जाएं, जिससे उन्हें परेशान न होना पड़े। एमबीसी को आवंटित भूमि की पत्थरगढ़ी के साथ ही भूमि पर स्थित वृक्षों की भी गिनती कर टेग लगाए गए हैं। साथ ही अलग-अलग स्थानों पर दो से तीन सूचना एवं चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं।
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डिमांड नहीं आई
फिलहाल एमबीसी से माहीडेम की आवासीय कॉलोनी संबंधित डिमांड नहीं आई है। यदि ऐसी कोई बात आती है तो विभागीय नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कॉलोनी का पूरा रिकार्ड तैयार है।
निरंजन मीणा, एसई माही परियोजना
मांग की जाएगी…
एमबीसी के लिए व्यापक स्तर पर निर्माण होना है। तुरंत वहां आवास की व्यवस्था संभव नहीं है। तब तक एमबीसी के कार्मिकों एवं अधिकारियों के लिए माही की आवासीय कॉलोनी किराये पर लेने के लिए मांग की जाएगी। इससे सरकार पर वित्तीय भार नहीं पड़ेगा और माही के आवासों का मेंटनेंस भी हो जाएगा। इसे लेकर जिला कलक्टर एवं माही के अधिकारियों से निवेदन किया है।
केसर सिंह शेखावत, एसपी बांसवाड़ा
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