जिसके बाद सीएमएचओ डॉ. ओपी कुलदीप ने स्वयं के स्तर पर जांच की और रिपोर्ट बनाकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के परियोजना निदेशक को भेज कार्रवाई करने की मांग की। इस पर परियोजना निदेशक प्रीति माथुर ने एम्बुलेंस संचालक कम्पनी को दोनों ही मामलों में तीन दिन के भीतर जवाब देने के लिए पत्र लिखा है। मामले को लेकर डीपीएम ललित सिंह झाला ने बताया कि यह एक गंभीर मामला था, जिसकी स्थानीय स्तर पर रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी गई और परियोजना निदेशक ने इस बाबत जवाब मांगा है।
ये थे मामले
आनंदपुरी थाना इलाके के चौथमाल सुन्द्राव गांव की महिला के बच्चे का स्वास्थ्य खराब होने पर एमजी अस्पताल से 12 अप्रैल को उदयपुर रैफर किया गया, लेकिन एम्बुलेंस का डीजल खत्म हो जाने के कारण एक घंटें गाड़ी शहर में रूक रही। और दूसरी गाड़ी की व्यवस्था भी काफी देर से हुई। जिस कारण बच्चे की मौत हो गई थी। 14 अप्रैल को सरेड़ी बड़ी से कुशगलढ़ गई 104 के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो पायलटों के गंभीर चोट आई थी। इस दुर्घटना का मुख्य कारण स्टेयरिंग फेल होना ही सामने आया था।
आनंदपुरी थाना इलाके के चौथमाल सुन्द्राव गांव की महिला के बच्चे का स्वास्थ्य खराब होने पर एमजी अस्पताल से 12 अप्रैल को उदयपुर रैफर किया गया, लेकिन एम्बुलेंस का डीजल खत्म हो जाने के कारण एक घंटें गाड़ी शहर में रूक रही। और दूसरी गाड़ी की व्यवस्था भी काफी देर से हुई। जिस कारण बच्चे की मौत हो गई थी। 14 अप्रैल को सरेड़ी बड़ी से कुशगलढ़ गई 104 के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो पायलटों के गंभीर चोट आई थी। इस दुर्घटना का मुख्य कारण स्टेयरिंग फेल होना ही सामने आया था।