शहर का मुख्य सडक़ मार्ग खाटूश्याम मंदिर से लेकर ्रठीकरिया नाके तक की सडक़ चौड़ी करने के कार्य में कितनी लापरवाही है उसका नमूना यह है कि इस कार्य को पूरा करने की तय अवधि में अब केवल 17 दिन का ही समय शेष रहा है, लेकिन इसके पूरे होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। सडक़ काम काम जब चाहे शुरू किया और जब चाहे बंद कर दिया वाली हालत है। कोई पूछने वाला नहीं। सडक़ के कुछ भाग पर चौड़ा होने के साथ डामरीकरण कर दिया गया तो कुछ हिस्से में गिट्टी बिछाकर छोड़ दिया गया। कहीं गड् ढे हो रहे हैं। सडक़ लोगों को कितना दर्द दे रही है इस पर चलने वालों से पूछें। हिचकोलों से कमर टूट रही है। ऑटो समय से पहले बूढ़े हो रहे हैं। ईंधन दुगुना खर्च हो रहा है। वाहन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं लेकिन किसी को नहीं पड़ी है।
दाहोद मार्ग की सडक़ के लिए 15 करोड़ 32 लाख स्वीकृत हुए। इसमें से नगर परिषद् को 30 अगस्त 2018 में नौ करोड़ एक लाख प्राप्त हुए। परिषद ने चार करोड़ 60 लाख अक्टूबर 2018 का पीडब्ल्यूडी को सौंपे। इसके अलग ही दिन पांच अक्टूबर 2018 को सार्वजनिक निर्माण विभाग ने अपना कार्य शुरू कर दिया। इस एजेंसी को यह कार्य चार अगस्त 2019 तक पूरा करना था, लेकिन यह कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
इस सडक़ के अलावा शहर में कुछ और सडक़ें हैं जो लोगों दर्द दे रही है।
कॉमर्शियल कॉलोनी की एक गली की सडक़ लंबे समय से बदहाल है। गड़्ढों के साथ नाले की सफाई के लिए परिषद ने सडक़ को तोड़ डाला है और अब तक ठीक नहीं किया गया।
एक माह पूर्व बनी कलक्टरी के सामने की सडक़ पर अभी से गड्ढे पड़ गए हैं।
कोतवाली के निकट आधी अधूरी सडक़ बनाकर छोड़ रखी है।
करीब छह माह पूर्व जामा मस्जिद के सामने बनी सडक़ खस्ता हाल हो चुकी है।
बजट के इश्यू का पता करवाया जाएगा। अभी बारिश की वजह से विलंब हो रहा है। कुशलबाग तक कार्य पूरा भी कर लिया है। कुछ जगह अभी काम चल रहा है। फिर भी इसको दिखवााया जाएगा।
आशीष गुप्ता, कलक्टर बांसवाड़ा
राशि नहीं आ रही है। इस कारण कार्य रुका हुआ है। चार करोड़ 60 लाख ही आए हैं।कमिश्नर को भी लिखा है। पहले के खर्च की यूसी भी भेज दी गई है।
गजेन्द्र कुमार लोढ़ा, अधिशाषी अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग बांसवाड़ा
हमारे पास जो पैसा वो हमने दे दिया है। अब जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की ही है। कलक्टर भी उनको कई बार कह चुके हैं।
प्रभुलाल भाबोर, आयुक्त, नगर परिषद बांसवाड़ा