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लोहारिया में मुनि अनुकंपा सागर महाराज का समाधिमरण, डोल यात्रा में उमड़े जैन समाजजन

locationबांसवाड़ाPublished: Aug 21, 2019 01:30:57 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Jain Muni Samadhi : मंगलवार रात्रि यम संल्लेखना पूर्वक समाधि मरण हुआ

लोहारिया में मुनि अनुकंपा सागर महाराज का समाधिमरण, डोल यात्रा में उमड़े जैन समाजजन

लोहारिया में मुनि अनुकंपा सागर महाराज का समाधिमरण, डोल यात्रा में उमड़े जैन समाजजन

लोहारिया/बांसवाड़ा. लोहारिया नगरी में चातुर्मासरत षष्ठमाचार्य अभिनंदन सागर महाराज के शिष्य मुनि अनुकंपा सागर का मंगलवार रात्रि यम संल्लेखना पूर्वक समाधि मरण हुआ। बुधवार को सुबह साढ़े सात बजे मूलनायक पाŸवनाथ मंदिर से डोल यात्रा चिरा वाला टेकरी पर पहुंची। मुनि के समाधि मरण की सूचना मिलते ही लोहारिया में जैन समाजनन उमड़ पड़े। मुनि की समाधि मरण के दौरान मुनि आज्ञा सागर महाराज व मुनि विकसंत सागर महाराज ससंग व त्यागी गण का सानिध्य प्राप्त हुआ। जैन समाज अध्यक्ष अशोक नश्नावत ने बताया कि इस समाधि महोत्सव में पूरा जैन समाज तन मन धन से सहयोग कर रहा है।
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मुनि का परिचय
मुनि का गृहस्थ नाम- शंकरलाल वोरा
पिता का नाम – चुन्नीलाल वोरा
माता का नाम – गमीरी देवी
पत्नी- प्यारी देवी
निवास -भीमपुर
दीक्षा दिवस 17 फरवरी 2001
दीक्षा गुरु अभिनंदन सागर महाराज
समाधि लोहारिया
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क्या है संल्लेखना
जैन धर्म में संल्लेखना का विशेष महत्व है। यह मृत्यु महोत्सव माना जाता है। जैन मुनि को 28 मूलगुणों का पालन करना होता है लेकिन जब वह अथवा उनका शरीर इन मूलगुणों के पालन में असमर्थ हो जाता है तो वह इच्छापूर्वक संल्लेखना समाधि ग्रहण कर शरीर का त्याग करते है।
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