पुलिस ने चैनलगेट को आरी से काटकर बैंक खुलवाया। बैंक मैनेजर एवं पुलिस जैसे ही भीतर पहुंचे तो गॉर्ड रूम में सुरक्षाकर्मी अंबालाल का खून से लथपथ शव पड़ा हुआ था। पुलिस के अनुसार सुरक्षाकर्मी ने संभवत: अपने गले में गोली मारी। इससे उसकी तत्काल मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर लोगों की भीड़ बैंक के बाहर जमा हो गई।
बैंक प्रबधक रमेश चंद्र डामोर ने बताया कि भीलवाड़ा जिले की जहाजपुर तहसील के सुन्दरगढ़ गांव निवासी सुरक्षाकर्मी अम्बालाल पुत्र मांगीलाल मीणा व एक अन्य सुरक्षाकर्मी सतार खां दोनों की गुरुवार को रात्रिकालीन ड्युटी थी, सतार खां सुबह 5 बजे अपने घर चला गया। उसके बाद वे सतार खां को लेकर फील्ड में रिकवरी के लिए चले गए। सुबह 8 बजे सफाईकर्मी ने सूचना दी।
डामोर ने बताया कि अम्बालाल करीब 3 साल से बैंक में कार्यरत था तथा पिछले 2 माह से अवकाश पर था। चार दिन पूर्व मंगलवार को ही उसने ड्यूटी ज्वाइन की थी।
उप अधीक्षक ब्रजराज सिंह चारण ने बताया कि एफएसएल टीम की जांच करने पर सामने आया कि सुरक्षाकर्मी की गर्दन पर गोली लगी है। चारण ने बताया कि आर्मोर टीम द्वारा जांच करने पर पता चला कि 12 बोर की यह पम्प एक्शन गन थी, जिसमें 5 छर्रे वाले कारतूस होते हैं। जांच करने पर 4 कारतूस में छर्रे भरे हुए थे व एक कारतूस खाली था। एफएसएल टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्रित किए। पुलिस ने मृतक के परिजनो को सूचना दी है तथा शव को पीएम के लिए बांसवाड़ा भेजा।
प्रतिदिन की भांति सुबह करीब आठ बजे महिला सफाईकर्मी निर्मला बैंक पहुंची और बैंक का दरवाजा खटखटाया। साथ ही गार्ड को आवाज लगाई। करीब आधे घंटे प्रयासों के बाद भी जब बैंक के भीतर से कोई हरकत नहीं हुई तो निर्मला ने इसकी सूचना बैंक मैनेजर को दी। तब बैंक मैनेजर ने बैंक में फोन किया और गार्ड के मोबाइल नंबर पर कॉल किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। करीब नौ बजे मैनेजर बैंक पहुंचा और बैंक खुलवाने के प्रयास किए। इसमें सफल नहीं मिलने पर सूचना पुलिस को दी। मौके पर कुशलगढ़ थाना प्रभारी किरेन्द्र सिंह पहुंचे।
पुलिस ने बैेंक में लगे सीसीटीवी फु टेज भी देखे, लेकिन बताया गया कि जहां गार्ड का शव पड़ा था वहां सीसीटीवी नहीं था। पुलिस ने साथी सुरक्षाकर्मी, बैक मैनेजर व स्टॉफ से भी पूछताछ भी की। घटना की सूचना पर पुलिस उपअधिक्षक ब्रजराजसिंह चारण भी मौके पर पहुंचे व कमरे को सीज कर एफएसएल टीम व हथियार परिक्षक टीम को बुलवाया, जिसने भी बाद में मौका मुआयना किया और आवश्यक साक्ष्य जुटाए।
अम्बालाल के साथ ड्युटी तैनात दूसरे गार्ड सत्तार खां ने बताया कि रात में दोनों ने एक साथ ड्यूटी की। सुबह 5 बजेें अम्बालाल को यह कहकर घर चला गया कि तुम सुबह के दो घण्टे ड्यूटी कर लेना उसके बाद में आ जाऊंगा। रात में अम्बालाल का मूड काफी अच्छा था। सुबह 5 बजे जब मैने उसको छोड़ा तब भी ऐसी कोई बात नहीं लग रही थी। स्टॉफ के अनुसार अम्बालाल अपनी बीमारी को लेकर जरूर तनाव में रहता था।