बांसवाड़ा के पीसीपीएनडीटी समन्वयक हरिकांत शर्मा ने बताया कि लिंगपरीक्षण को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए। इसके तहत सोनोग्राफी मशीन पर सिर्फ वही चिकित्सक जांच कर सकता है, जिसका पंजीयन उस मशीन के नाम पर हो। दूसरा कोई चिकित्सक उस मशीन पर बिना पंजीयन जांच नहीं कर सकता है। शर्मा ने बताया कि एक चिकित्सक अधिकतम दो मशीनों पर जांच कर सकता है और एक मशीन पर एक से अधिक चिकित्सक जांच कर सकते हैं बशर्ते उनका पंजीयन किया गया हो। चंूकि एम जी में एक ही चिकित्सक का पंजीयन है और ऐसे में उनके अवकाश पर जाने के साथ मशीन बंद हो जाती है।
महात्मा गांधी चिकित्सालय के गायनिक विभाग इंचार्ज डॉ. ओपी उपाध्याय ने बताया कि गायनिक चिकित्सक को सोनेाग्राफी के बारे में जानकारी दी जाती है और वो सोनोग्राफी की जांच कर सकता है। सूत्रों की माने तो गत वर्षों में कुछ चिकित्सकों का पंजीयन सोनोग्राफी जांच के लिए किया गया था। लेकिन उस समय चिकित्सकों ने यह कहकर अपनेनाम वापस ले लिए थे कि उनके अध्ययनकाल के समय सोनोग्राफी के बारे में नहीं पढ़ाया गया था।
50 – सोनेाग्राफी रोज होती है एमजी अस्पताल में
08- अगस्त से बंद है मशीन
01 – चिकित्सक का ही है पंजीयन
08 – प्रसूति रोग विशेषज्ञ है अस्पताल में
700 – या इससे अधिक रुपए देकर निजी संस्थानों में करानी पड़ रही है जांच
सोनोग्राफी बंद है। गर्भवतियों की जांच अगर नहीं की जा रही है तो इंचार्ज से बात कर वैकल्पिक व्यवस्था करना जरूरी है। भविष्य में दिक्कत न आए इसकी व्यवस्था की जाएगी।
डा. नंदलाल चरपोटा, पीएमओ