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बांसवाड़ा : देव बप्पा आ गए…. घर-घर, गली-चौराहे बिराजे गजानन, जन्म के जश्न में डूबे भक्तजन

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 14, 2018 12:12:20 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

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बांसवाड़ा : देव बप्पा आ गए…. घर-घर, गली-चौराहे बिराजे गजानन, जन्म के जश्न में डूबे भक्तजन

बांसवाड़ा. वागड़ गुरुवार को सुबह से रात तक गणेश जन्म की खुशियां मनाने में मग्न रहा। क्या बच्चे और क्या बड़े सभी गणपति की स्तुति में लीन रहे। कोई पल ऐसा नहीं था कि गणपति के बीच लोग न रहे हों। मन, जुबां, कृत्य, हावभाव में गणपति की छाया झलक रही थी। चहुंओर गणपति गणपति और सिर्फ गणपति थे, उनके भक्त थे और उनके जयकारे थे। सडक़ से लेकर घर तक सब कुछ गणेशमय नजर आया। शहर की चारों दिशाओं की सडक़ों के किनारों पर गणेश भक्तों की भीड़ थी,। गणेश भक्त स्थापना के लिए गणपति की प्रतिमाएं लेने पहुंचे थे। कोई परिवार के साथ आया तो कोइ मित्र मंडली के साथ आया था। गणपति के विभिन्न स्वरूप लोगों को मोहित किए हुए थे और प्रतिमा चयन में वे असमंजस में दिखे।
बीच सडक़ों पर ट्रैक्टर और अन्य वाहनों में प्रतिमाओं के साथ गणेश भक्त गाते नाचते भाव विभोर होकर गणपति के साथ अपने घर, मोहल्ले और गांव की ओर कूच कर रहे थे। घर गणपति पूजन, गणेश चालीसा, अर्थवशीर्ष और आरती के स्वरों से गुंजायमान थे तो गणपति के प्रमुख मंदिर श्रद्धालुओं की आवाजाही से जीवंत थे हो उठे और भक्त गणपति बाप्पा के स्वरों से गणपति के स्मरण के साथ फिजा में खुशियां घोल रहे थे। कुछ ऐसे जश्न के बीच गणपति को बिराजमान किया और अब अगले दस दिन उनकी स्तुति में वागड़ लीन रहेगा। रोज शाम को पूजा अर्चना और साथ में नृत्य की छटा।
बांसवाड़ा. गणेश चतुर्थी पर गाजेबाजे से गौरीसुत गणेश की प्रतिमाओं की विधिविधान से प्रतिष्ठा के साथ ही वाग्वर अंचल में दस दिवसीय गणेश महोत्सव की धूम शुरू हो गई। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों में सुबह से ‘गणपति बाप्पा मोरिया और ‘ऐ आई, देव बप्पा आ रहे की अनुगूंज के बीच गणेश प्रतिमाएं पांडालों में ले जाई गई और शुभ मुहूर्त में उनकी स्थापना की गई। गणेश महोत्सव के लिए सुबह से ही गणेश मंडलों के कार्यकर्ताओं ने तैयारियां शुरू कर दी। पांडालों में प्रतिमा स्थापना की तैयारियों को अंतिम रूप देने के बाद कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों के साथ निकले।
कार्यकर्ताओं ने प्रतिमा निर्माण स्थलों पर पहुंचकर पूजा के बाद विभिन्न वाहनों में प्रतिमाओं को विराजित किया और गुलाल उड़ाते हुए और गजाजन के जयघोष लगाते हुए अपने पांडालों के लिए शोभायात्रा के रूप में रवाना हुए। इसमें कार्यकर्ता गले में भगवा दुपट्टा पहने हुए भगवा ध्वज लहराते व पुष्प वर्षा करते हुए चल रहे थे। शहर के दाहोद मार्ग, उदयपुर मार्ग, राजतालाब सहित डूंगरपुर मार्ग पर शिवपुरा के समीप से गणेश प्रतिमाओं को पांडालों तक लाने का क्रम सुबह से लेकर शाम तक बना रहा।
आकर्षक मुद्राओं में बनाई प्रतिमाएं
गणेश महोत्सव के लिए कारीगरों की ओर से आकर्षक मुद्राओं में भगवान गणेश की प्रतिमाएं निर्मित की गई हैं। शिवाजी महाराज, महाबली हनुमान की गोद में विराजे गणेश, भगवान शिव का जलाभिषेक करते गणपति सहित अन्य मुद्राओं में निर्मित प्रतिमाओं को देखने के लिए लोग उमड़ पड़े। इधर खान्दू कॉलोनी स्थित चारणेश्वर मंदिर में नवयुवक मण्डल की ओर से मिट्टी की प्रतिमा स्थापित की गई।
धातु की प्रतिमाएं भी
शहर के कई गणेश पांडालों में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी धातु की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। खांदू कॉलोनी चौराहे, हाउसिंग बोर्ड, नई आबादी सहित विभिन्न स्थानों पर अष्टधातु और पीतल से निर्मित प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इन प्रतिमाओं को अनंत चतुर्दशी पर शोभायात्रा में सम्मिलित कर स्नानादि कराकर पुन: मंदिरों में रखा जाएगा।
निर्माल्यम के लिए विशेष वाहन
गणेश पांडालों में प्रतिदिन होने वाली पूजा में भगवान अर्पित किए जाने वाले पुष्पहार और अन्य पूजन सामग्री को अगले दिन एकत्र करने के लिए नगर परिषद की ओर से विशेष वाहन वार्डों में घूमेगा। उपसभापति महावीर बोहरा ने बताया कि परिषद का एक वाहन पूजन में काम में ली गई सामग्री को अगले दिन सुबह एकत्र करने निकलेगा। इसमें सिर्फ पूजन में काम में ली गई सामग्री, पुष्पहार आदि ही लिए जाएंगे। इस सामग्री का स्वच्छ जल में विसर्जन किया जाएगा। इस वाहन में घरेलू या प्रतिष्ठानों का कचरा नहीं लिया जाएगा।
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