scriptबांसवाड़ा : नीम हकीम करता रहा जुकाम-बुखार का इलाज, जांच में निकला स्वाइन फ्लू का रोगी | Swine flu patient found in Banswara | Patrika News

बांसवाड़ा : नीम हकीम करता रहा जुकाम-बुखार का इलाज, जांच में निकला स्वाइन फ्लू का रोगी

locationबांसवाड़ाPublished: Oct 05, 2018 11:52:16 am

Submitted by:

Varun Bhatt

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बांसवाड़ा : नीम हकीम करता रहा जुकाम-बुखार का इलाज, जांच में निकला स्वाइन फ्लू का रोगी

बांसवाड़ा. जिले में एक बार फिर नीम हकीमों के उपचार से एक बुजुर्ग की जान पर बन आई। स्वाइन फ्लू से पीडि़त इस बुजुर्ग का उपचार उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय में जारी है। गौरतलब है कि बुजुर्ग 10-12 दिनों से सर्दी, जुकाम, बुखार और गले में दर्द समस्या से पीडि़त था। जिसके उपचार के लिए बुजुर्ग ने खोडन गांव के एक नीम हकीम से कई दिन उपचार कराया। नीम हकीम कोई जांच पड़ताल किए बिना उसे बुखार और सर्दी की दवाई देता रहा, लेकिन चार-पांच दिन तक उपचार के बाद भी तबीयत में कोई सुधार न होने पर परिजन बुजुर्ग को परतापुर के एक निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन वहां भी लाभ न मिलने पर परिजन उसे सागवाड़ा सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। मरीज की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सकों ने बुुजुर्ग को महाराणा भूपाल उदयपुर के लिए रैफर कर दिया।
रिपोर्ट के बाद सच्चाई आई सामने
गढ़ी बीसीएमओ डॉ. दीपक निनामा ने बताया कि तकलीफ को लेकर बुजुर्ग ने किसी भी सरकारी अस्पताल में उपचार नहीं कराया। जिस कारण उसकी तबीयत दिन-ब-दिन बिगड़ती गई। सागवाड़ा सरकारी अस्पताल में भर्ती होने के बाद उसे वहां से उदयपुर के लिए रैफर कर दिया गया। गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि बुजुर्ग स्वाइन फ्लू से पीडि़त है। अभी बुजुर्ग की तबीयत स्थिर बनी हुई है।
7 दिनों में दूसरा मामला, स्क्रीनिंग जारी
जिले में सात दिनों के भीतर स्वाइन फ्लू का यह दूसरा मामला सामने आया है। 29 सितम्बर को बागीदौरा उपखंड के एक गांव में एक बच्ची की मौत स्वाइन फ्लू से पीडि़त होने पर हुई थी और अब गढ़ी उपखंड में यह दूसरा मामला सामने आया है।
कवायद : सूचना मिलते ही लगाई टीम
बीमारी की सूचना मिलते ही गांव और आसपास क्षेत्र में चिकित्सा विभाग की दो टीमें तैनात कर दी गई हैं। साथ ही गुरुवार दोपहर बाद बीसीएमओ टीम के साथ गांव पहुंचे और सर्दी, जुकाम, बुखार से ग्रामीणों को आवश्यक दवा वितरित की। साथ ही लोगों को सचेत रहने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि जब तक गांव के एक- एक व्यक्ति की स्क्रीनिंग नहीं हो जाती तब तक टीम यहां तैनात रहेगी और सर्दी जुकाम से पीडि़त लोगों को दवा वितरित की जाएगी।
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